FARRUKHABAD : जिलाधिकारी पवन कुमार ने जनपद स्तरीय आशा सम्मेलन में सम्बोधित करते हुए कहा कि जनपद में प्रति हजार बच्चों पर 79 बच्चों की मौत हो रही है। जिसे कम करने में आशा बहुएं विशेष ध्यान दें। आशाओं के सजग होने से काफी हद तक इस पहलू पर लगाम लगायी जा सकती है।
ठंडी सड़क स्थित नवभारत सभाभवन में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे डीएम ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान कार्यक्रम में आयीं सैकड़ों की संख्या में आशा बहुओं को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि वर्तमान में स्वास्थ्य और शिक्षा समाज के लिए एक महत्वपूर्ण अंग हैं। स्वस्थ होने के साथ-साथ शिक्षित होना भी आवश्यक है। दोनो एक ही गाड़ी के दो पहिये हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए ग्रामीण स्तर पर अनेक अभियान चल रहे हैं। जिनका लाभ भी जनता ले रही है।
गर्भवती महिलाओं पर विशेष टिप्पणी करते हुए श्री कुमार ने कहा कि महिला के गर्भवती होते ही आशा बहुओं की जिम्मेदारी शुरू हो जाती है और प्रसव कराने तक आशा की एक अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी प्रत्येक वर्ष जनपद में तकरीबन 267 प्रसूताओं की मौत प्रसव के दौरान हो जाती है। वहीं एक हजार में से 79 बच्चों की जन्म के कुछ समय बाद मौत होना एक प्रमुख समस्या अभी भी है। हर बच्चा जिए इसके लिए आशा बहुओं को सभी योजनाओं का लाभ भरपूर पोषण, समय पर टीके व प्रसूता को पूरी जानकारी मुहैया करायी जाये।
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जिलाधिकारी ने अच्छा कार्य करने वाली 21 प्रसूताओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रदान किया। जिसमें प्रथम पुरस्कार में प्रसस्तिपत्र के साथ-साथ पांच हजार रुपये की चेक, द्वितीय पुरस्कार पाने वाली आशाओं को दो हजार रुपये की चेक, तृतीय पुरस्कार पाने वाली आशाओं को एक हजार रुपये की चेक प्रदान की। प्रथम पुरस्कार में कायमगंज की ऊषादेवी, फैजबाग की मुन्नी गंगवार, मोहम्मदाबाद की मनोरमा, नबावगंज की ओमवती, कमालगंज की साधना बेगम, बरौन की मंजू लता व शशी सिंह शामिल हैं।
वहीं द्वितीय पुरस्कार कायमगंज की मीरा शाक्य, फैजबाग की अनीता, मोहम्मदाबाद की अनीता, नबावगंज की सुलेखा, राजेपुर की ममता, बरौन की सिमला, कमालगंज की फिरदौस को सम्मानित किया गया। तृतीय पुरस्कार में कायमगंज की सुनीता, फैजबाग की शशीप्रभा, मोहम्मदाबाद की रामबेटी, नबावगंज की वसीरन, राजेपुर की संगीता, कमालगंज की मीनू व बरौन की परवीन बेगम को सम्मानित किया गया। नगर मजिस्ट्रेट प्रभुनाथ ने आशाओं को बाढ़ के दौरान होने वाली डायरिया, त्वचा रोग के अलावा डूबने के दौरान बचाये गये व्यक्ति को किस तरह से उपचार देना है इस विषय पर विस्तार से चर्चा की।
सीएमओ राकेश कुमार ने बताया कि यह अभियान 17 मदों में काम कर रहा है, सभी में प्रोत्साहन राशि प्रतिवर्ष उपलब्ध करायी जाती है। इसके अलावा आशाओं के भुगतान को लेकर आने वाली समस्याओं को अधिकतर निस्तारित किया जा चुका है। आर सी एस के नोडल अधिकारी डा0 चन्द्रशेखर ने 23 अगस्त को होने वाले आशा सम्मेलन के विषय में विस्तार से बताया, उन्होंने कहा कि सन 2005 में 23 अगस्त को आशाओं की शुरूआत की गयी थी। तब से लेकर आज तक सम्मेलन आयोजित होते चले आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुल होने वाले संस्थागत प्रसव में 5 हजार 139 प्रसव आशाओं के द्वारा कराये जा रहे हैं। इसके बावजूद भी हर प्रसव आशाओं के द्वारा संस्थागत तरीके से कराया जाये, इसके लिए प्रयास जारी हैं। उन्होंने आशाओं को कहा कि वह टीकाकरण इत्यादि के साथ-साथ अपने क्षेत्र में प्रति माह कम से कम एक एक पुरुष नसबंदी अवश्य करवाये। कनौडिया स्कूल की छात्राओं ने स्वागत गीत गाकर कार्यक्रम को संगीतमय किया। डीएम ने सभी बच्चों को पुरस्कार दिये।
इस दौरान अपर चिकित्साधिकारी राजवीर सिंह, वित्त लेखाधिकारी मधू शर्मा, लोहिया अस्पताल की महिला सीएमएस सरोजवाला आदि मौजूद रहे।