नई दिल्ली। कोयला घोटाले में अहम फाइलें गुम होने के मुद्दे पर संसद में आज जमकर हंगामा हुआ। इस वजह से आज लोकसभा में फूड सिक्योरिटी बिल पर चर्चा नहीं हो पाई। हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित भी करनी पड़ी। बीजेपी ने इसे कांग्रेस नेताओं की बचाने की साजिश करार दिया है।
बीजेपी ने पीएम से मांगा जवाब
लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने पूछा कि आखिर कांग्रेस से जुड़े लोगों की फाइलें कैसे गायब हो गईं। पीएम जवाब दें कि फाइलें कैसे गायब हुईं और ये फाइलें कब तक मिलेंगी। वहीं, राज्यसभा में बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बयान देने की मांग की। उन्होंने गायब फाइलों पर सरकार से सफाई मांगी। राज्यसभा की कार्यवाही भी हंगामे की वजह से दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
जायसवाल की सफाई
उधऱ, राज्यसभा में कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने बयान दिया कि फाइलों को खोजने का काम चल रहा है और इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। अगर मुझ पर आरोप साबित हुए तो सजा मंजूर है।
बता दें कि कोयला घोटाले से जुड़ी 11 कंपनियों को कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़ी फाइलें गुम हो चुकी हैं। इन 11 कंपनियों के निदेशकों के नाम एफआईआर में भी है। अगर ये फाइलें नहीं मिलती हैं तो सीबीआई का केस कमजोर पड़ जाएगा। फाइलों के गायब होने से इस केस की जांच को झटका लगेगा।
क्या है मामला?
कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में सरकार को विपक्ष के ताजा हमले झेलने पड़ रहे हैं। ये हमले जुड़े हैं कोयला मंत्रालय की कुछ फाइलों से। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने माना है कि कोयला आवंटन से जुड़ी कुछ फाइलें गायब हो गई हैं। जायसवाल ने कहा कि ये फाइलें 1993 से 2004 के दौरान की हैं।
उधर, विपक्ष ने फाइलें गायब होने को सरकार की चालाकी बताया है और आरोप लगाया है कि जांच में इस तरह की रुकावटें डालने का मकसद प्रधानमंत्री को बचाना है। कोयला मंत्री के मुताबिक वो कोशिश कर रहे हैं कि दूसरे मंत्रालयों से संपर्क कर गुम हुई फाइलें ढूंढ़ी जाएं।