फर्रुखाबादः ईद और तीज की सिवंईयों से बेखबर, गंगापार में इस समय अफरातफरी का माहौल है। गंगा और रामगंगा का तेजी से बढ़ता जल स्तर भस्मासुर की माफिक ग्रामीणों की फसलों और खेतों को लीलता हुआ उनके घरों की ओर बढ़ रहा है। गंगा तो खैर विगत लगभग एक माह से कभी कम और कभी अधिक कहर बरपा रही है, परंतु अब रामगंगा के भी गंगा के सुर में सुर मिलाने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। गंगा चेतावनी के निशान के ऊपर बह रही है। उधर रामगंगा का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। नरौरा और कालागढ बांधों से दोनों नदियों में पानी लगातार छोड़े जाने से आगामी 24 से 36 घंटे में स्थिति और विकराल होजाने की आशंका है।
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विदित है कि गंगा विगत एक माह से तटवर्ती इलाकों में तांडव मचाये है। गंगा के जलस्तर में लगातार उतार चढाव के चलते बाढग्रस्त क्षेत्रों के लोग बेहाल हैं। कटान और जलभराव के कारण जहां फसलों और घरबार के नुकसान के बाद अब संक्रामक रोग विकराल रूप धारण किये हैं, वहीं बाढ का खतरा भी लगातार सिर पर मंडरा रहा है। शुक्रवार को तो गंगा का जल स्तर बढ़कर 137 मीटर तक पहुंच गया। शनिवार को शाम तक पानी घट कर 136.65 मीटर पर आ गया। परंतु इसी बीच रामगंगा का जल स्तर शुक्रवार की अपेक्षा बढ़कर 135.65 मीटर पर पहुंच गया है। उधर नरौरा से 1 लाख 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने और कालागढ़ से रामगंगा में 55 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना है। जिससे अगले 24 से 36 घंटे में गंगापार क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ने की आशंका बन गयी है।
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