क्या है निर्मोही अखाड़ा ?

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अयोध्या विवाद का मुख्य वादी निर्मोही अखाड़ा एक हिन्दू धार्मिक समिति है, जिसकी अपनी आस्था और रीतियां हैं। गुरुवार को अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आए फैसले में इस अखाड़े को विवादित भूमि का एक तिहाई हिस्सा आवंटित किया गया है।

निर्मोही अखाड़ा, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त 14 अखाड़ों में से एक है। इसका संबंध वैष्णव संप्रदाय से है और महंत भास्कर दास इसके अध्यक्ष हैं। इस अखाड़े ने 1959 में बाबरी मस्जिद की विवादित भूमि पर अपना मालिकाना हक जताते हुए एक मुकदमा दायर किया किया था, तभी से यह चर्चा में है।

निर्मोही अखाड़े ने फैजाबाद के उप न्यायाधीश की अदालत में याचिका दायर कर बाबरी मस्जिद के बगल में राम चबूतरा वाले स्थान पर राम मंदिर बनाने की अनुमति मांगी थी। उप न्यायाधीश ने उस समय कहा था कि दो धर्मो का विशाल ढांचा एक-दूसरे के नजदीक रहने से लोगों में वैमनष्य उत्पन्न होने का खतरा है।

अदालत द्वारा अनुमति देने से इंकार करने के बावजूद निर्मोही अखाड़ा उसी समय से उस भूमि पर अपना हक जमाने और मंदिर बनाने के प्रयास में जुटा रहा।