नई दिल्ली: राज्य सरकार आईएएस दुर्गा शक्ति पर एक और मामला दर्ज करने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि दुर्गा शक्ति नागपाल पर एक ज़मीन हड़पने का केस कर सकती है। राज्य सरकार के अधिकारियों का यह भी कहना है कि नागपाल के खिलाफ कथित रूप से स्थानीय लोगों द्वारा कराई गई उन शिकायतों की भी जांच की जा रही है, जिनमें दुर्गा शक्ति पर सार्वजनिक जमीन के अतिक्रमण और दो निजी पार्टियों के बीच सौदा करवाने के आरोप लगाए गए हैं।
एक गांव में मस्जिद की दीवार गिराने के मामले में 27 जुलाई की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय मुस्लिम नेता एक मस्जिद बनवा रहे थे। तभी दोपहर 1.00 बजे के आसपास सर्किल ऑफिसर, एसडीएम और एसएचओ वहां पहुंचे और उन्होंने दीवार गिरवा दी।
जिला प्रशासन ने कहा कि दीवार बनवाने के लिए पहले से इजाजत नहीं ली गई। इसके बाद गांववालों ने पंचायत बुलाकर आगे की कार्रवाई तय करने का फैसला किया। यह रिपोर्ट डीएम की उस रिपोर्ट के खिलाफ जाती है, जिसमें बताया गया है कि गांव वालों ने खुद दीवार गिराई।
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यूपी की आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन पर आज प्रधानमंत्री ने पहली बार चुप्पी तोड़ी। पीएम ने कहा कि वह इस मामले में राज्य सरकार के संपर्क में है और इसमें सभी नियमों का पालन होगा।
यूपी सरकार ने ग्रेटर नोएडा की एसडीएम रही दुर्गा शक्ति नागपाल को चार्जशीट सौंप दी गई है। इस मामले पर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट भी सौंप दी है। साथ ही निलंबन के आदेश का पत्र और चार्जशीट की कॉपी भी कार्मिक विभाग को भेजी गई है।
10 पन्नों की चार्जशीट में दुर्गा नागपाल को नियमों को तोड़कर मस्जिद की दीवार गिराने के आदेश देने का आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में कहा गया है कि एसडीएम को दीवार गिराने का आदेश देने के पहले नोटिस देकर सफाई मांगनी चाहिए थी।
दुर्गा शक्ति के निलंबन पर सियासत रुकने का नाम नहीं ले रही है, अब एक बयान आया है कि अखिलेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन का। वह कह रहे हैं कि जो काम बाबरी विध्वंस के वक्त मुलायम ने किया था, वही काम अखिलेश ने दीवार गिरने के बाद किया है।