फर्रुखाबाद: दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन राजनैतिज्ञो के लिए वोट बैंक का खेल बन गया है| यूपी का मुसलमान दो दलों के बीच गेंहू की तरह पिस रहा है| चक्की के एक पाट पर कांग्रेस है तो दूसरे पर समाजवादी पार्टी| निलंबन किस मुद्दे पर हुआ ये अब तक सबको मालूम चल ही चुका है| राजनीति की पाठशाला में उतरे अखिलेश यादव की बेदाग़ कोरी स्लेट उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने ही दागदार कर दी है| दिल्ली पहुचने की हसरत में मुलायम क्या क्या अभी करेंगे आने वाला वक़्त ही बताएगा| मगर मुस्लिम वोटो की चिंता कांग्रेस को भी कम नहीं है| नागपाल की गिराई दीवार से मुलायम की सियासत मजबूत होते देख कांग्रेस मुखिया ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मामले में हस्तक्षेप करने के लिए ख़त लिख डाला| तो वहीँ उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का मुस्लिम चेहरा विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ये कह कर क्या इशारा कर रहे है कि “निलंबन कोई सजा नहीं होती”|
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अपने संसदीय क्षेत्र फर्रुखाबाद में दो दिवसीय दौरे पर आये सलमान खुर्शीद ने पहले दिन यानि शुक्रवार को तो पत्रकारों से यह कहकर पीछा छुड़ाया कि ये राज्य का मामला है| मगर प्रवास के दूसरे दिन शनिवार को जैसे ही दिल्ली से ये खबर मिली कि मैडम ने मनमोहन को दुर्गा नागपाल के निलंबन मामले में दखल देने के लिए चिट्ठी लिखी है सलमान साहब के सुर बदल गए| पत्रकार फिर दौड़े कि मैडम तो दुर्गा के पक्ष में दिख रही है आपका क्या कहना है| सलमान ने पहले तो यह कह कहकर पीछा छुड़ाना चाहा कि वे फर्रुखाबाद में है दिल्ली में क्या हुआ उन्हें नहीं मालूम| फिर भी खबरनवीस नहीं माने तो कह दिया कि सुप्रीम कोर्ट कहता है कि निलंबन कोई सजा नहीं होती| सुप्रीम कोर्ट की दलील के बहाने ही सही यूपी में कांग्रेस का मुस्लिम चेहरा सलमान खुर्शीद मैडम के खिलाफ जा नहीं सकते और मुस्लिम वोट बैंक का हिसाब उनसे माँगा जायेगा सो मस्जिद की दिवार गिरने के आरोप लगाकर सस्पेंड की गयी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन पर साफ़ साफ़ बोल मुसलमान को नाराज वो भी नहीं कर सकते| रेत माफिया के खिलाफ हुई कार्यवाही में दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन वापस हो न हो मगर मस्जिद की गिरी हुई दीवार की हर ईंट पर अपना नाम लिखाने को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों बेताब दिखाई पड़ती है|