लखनऊ: दशमोत्तर छात्रवृत्ति की प्रतिपूर्ति से जुड़ी शिकायतों के लिए अब छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों को तीन स्तर पर मौका मिलेगा। शासन ने छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के संबंध में मिलने वाली शिकायतों व आपत्तियों के निराकरण के लिए राज्यस्तरीय, मंडलस्तरीय व जिला स्तरीय फोरमों का गठन कर दिया है।
आधिकारियों को किया टाइट
प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद ने बताया कि अधिकारियों को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की नियमावली के अनुसार छात्रों के बैंक खाते में रकम हस्तांतरित करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।
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इन छात्रों का प्रवेश होगा फ्री
इसके साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों का प्रवेश हर हाल में नि:शुल्क कराने को कहा गया है। आपत्तियों व शिकायतों के निस्तारण के लिए राज्य, मंडल व प्रदेश स्तर पर फोरमों का गठन कर दिया गया है।
मिलेगा व्यक्तिगत सुनवाई का मौका
ये फोरम शिकायतकर्ताओं और आपत्तिकर्ताओं को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका देंगे। फोरम के सचिव के समक्ष शिकायतकर्ता अपना लिखित पक्ष भी रख सकेंगे। एक फोरम के निर्णय से संतुष्ट न होने पर अगले फोरम में अपील की जा सकेगी।
यह है नई व्यवस्था
जिलास्तरीय फोरम: डीएम-अध्यक्ष, सीडीओ या उनके प्रतिनिधि, डीआईओएस व जिला सूचना विज्ञान अधिकारी सदस्य, समाज कल्याण अधिकारी- सचिव। इसकी हर महीने एक बैठक होगी।
मंडल स्तरीय फोरम: कमिश्नर-अध्यक्ष, प्रकरण से जुड़े जिले के डीएम अथवा उनका नामित एडीएम व अपर आयुक्त प्रशासन सदस्य होंगे। उपनिदेशक समाज कल्याण सदस्य सचिव होंगे।
राज्य स्तरीय फोरम: प्रमुख सचिव समाज कल्याण-अध्यक्ष, प्रमुख सचिव वित्त द्वारा नामित एक विशेष सचिव स्तर का अधिकारी व प्रमुख सचिव नियोजन द्वारा नामित विशेष सचिव स्तर का अधिकारी बतौर सदस्य शामिल होंगे। निदेशक समाज कल्याण सदस्य सचिव होंगे।