फर्रुखाबाद: जनपद में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बेसिक शिक्षा परिषद् का सरकारी दफ्तर कम निजी दूकान ज्यादा लगती है| शासनादेशो का न केवल खुला उल्लंघन हो रहा बल्कि मनमाने तरीके से अधिकारिओ और कर्मचारियो को निजी लाभ के लिए तैनात किया गया है| इस विभाग में दूसरे विभागों से आये डेपुटेशन पर आये समन्वयको से न केवल परिषद् के शिक्षको के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाहियो की जाँच करायी गयी बल्कि खंड शिक्षा अधिकारी का चार्ज तक दिया गया है| इस प्रकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत काम करने के लिए लगाये गए समन्वयक शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने के काम की जगह बेसिक शिक्षा अधिकारी के मनचाहे कार्य निपटा रहे है| इन समन्वयको के जॉब में प्रशासनिक कार्य कार्य करने की साफ़ मनाही है|
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पेश है कुछ नमूने- एसएन मिश्र जिला समन्वयक प्रशिक्षण है जिनका काम शिक्षा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षको को प्रशिक्षण देना है| इन महोदय को साल भर विभिन्न शिक्षको के विरुद्ध हुई अनुशासनात्मक कार्यवाहियो की जाँच का काम दिया जाता है और इनकी जाँच रिपोर्ट पर शिक्षको को आरोपों से बरी और आरोप सिद्ध कराया जाता है| जबकि वर्ष २०१० में उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति शैक्षिक कर्मचारी संघ की शिकायत पर शिक्षा सचिव के आदेश पर सभी समन्वयको से विभिन्न चार्ज हटाये गए बल्कि आगे के लिए ताकीद भी किया गया था कि जिला समन्वयको से कोई प्रशासनिक कार्य न लिया जाए| बाबजूद इसके फर्रुखाबाद बेसिक शिक्षा विभाग में एस एन मिश्र लगातार प्रशासनिक जांचे निपटाते रहे|
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अनिल शर्मा- वैकल्पिक शिक्षा के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत समन्वयक के रूप में तैनाती है| मगर इनके पास राजेपुर के खंड शिक्षा अधिकारी का भी चार्ज है| खंड शिक्षा अधिकारी संजय पटेल कायमगंज में तैनात है जहाँ पहले से दो खंड शिक्षा अधिकारी है| यहाँ उप जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जो की जिले में सबसे सीनियर है को खंड शिक्षा अधिकारी कायमगंज का चार्ज दिया गया है| बड़े मजे की बात है कि लैपटॉप वितरण में निलंबित किये गए अध्यापको की जाँच के लिए बनी जाँच समिति में जिला समन्वयक अनिल शर्मा को भी सदस्य बनाया गया है| जबकि ये अनुशासनात्मक जांच है और एक परिषदीय कर्मचारी की जाँच एक समन्वयक को नियम विरुद्ध दे दी गयी है|
जिला बेसिक अधिकारी कार्यालय और सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय दोनों अलग अलग खंड है| सर्व शिक्षा अभियान के कर्मचारी अधिकारी केवल और केवल शैक्षिक कार्य से सम्बन्धित कामो को निपटा सकते है| परिषदीय प्रशासनिक कामो में इनका हस्तक्षेप बिलकुल ही नियम विरुद्ध है| मगर फर्रुखाबाद में बेसिक शिक्षा विभाग अधिकारी अपनी सुविधा अनुसार चलाते है न की सरकारी नियमो का अनुपालन करने हेतु| कमोवेश यही स्थति लैपटॉप वितरण में हुई थी| जो आदेश जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा लैपटॉप वितरण के लिए जारी किया गया था उसका अनुपालन हो जाता तो व्यवस्था नहीं बिगड़ती और न कमिश्नर पर आंच आती और न ही DIOS या डीएम पर|