फर्रुखाबाद: मुख्यमंत्री अखिलेश के दौरे की तैयारियो को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है| लैपटॉप वितरण स्थल पर हर व्यवस्था चकाचक रहे इसके लिए डीएम पवन कुमार और एसपी योगेन्द्र कुमार हर छोटी बड़ी चीज का खुद ख्याल रख रहे है| भीषण तपती दुपहरी में कोल्लेक्ट्रेट दफ्तर से सभा स्थल और तहसील जहाँ लैपटॉप रखे है के चक्कर काट रहे है| डीएम ने डीआईजी आर के चतुर्वेदी से वादा जो किया है कि मुख्यमंत्री की पूरे उत्तर प्रदेश में सबसे बढ़िया मीटिंग होगी फर्रुखाबाद में|
कार्यक्रम की सम्भावना की खबर के बाद ही सबसे पहला काम स्थल चयन का शुरू हुआ| नगर में एक ही सबसे बड़ा मैदान है मगर सबसे बड़ी समस्या गर्मी की है| क्रिस्चियन ग्राउंड फाइनल हुआ तो ग्राउंड पर हेलीपेड बन्ने की समस्या आ गयी| मैदान के पास जिस जमीन पर आम तौर पर हेलिपैड बनता रहा है वहां वीरेंदर और उसके तीन भाइओ ने तुरई (सब्जी) की खेती कर राखी थी| फसल लग रही थी| खेत में लहलहाती तुरई को उजाड़ मुख्यमंत्री के लिए हेलीपेड और मंच तक जाने के लिए खडंजा बनाना था| इसके लिए किसान को मनाने और उसे उचित मुआवजा मिलने तक पर जिलाधिकारी पवन कुमार ने खुद निगाह रखी|
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कई चक्र की बात के बाद किसान को सहमत कर लिया गया| यह तय हुआ कि उसे रास्ता बनाने में लगने वाली नयी ईंटे दे दी जाएगी| इस बात से किसान भी सहमत हो गया| खेत में उसने 50000 रुपये कीमत की तुरई पैदा करने का अनुमान लगाया था| अब थोडा सा नुकसान जरुर होगा मगर मुख्यमंत्री के जाने के बाद वो फिर से उसी जमीन को इस्तेमाल कर और लाभ कम लेगा| ये नुकसान मिलने वाली ईंटो के मुकाबले बहुत कम होगा| वीरेंदर ने बताया कि डीएम और एसपी साहब ने सही निर्णय किया है वर्ना लेखपाल के हवाले होता तो मुआवजा मिलने में ही कितनी जेब खाली हो जाती और कितने चक्कर काटने पड़ते पता नहीं|
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