FARRUKHABAD : जरा सोचिए, शहर में हो रही डग्गामारी क्या मां के आशीर्वाद से पनप रही है। या सत्ताधारी नेताओं और खाकी बर्दीधारियों के आशीर्वाद से। मामला कुछ भी हो लेकिन इस समय डग्गामार वाहनों पर जो रंग चढ़ा है उसमें सिर्फ दो ही चीजें नजर आती हैं सत्ताधारी पार्टी का सिम्बल और मां का आशीर्वाद लिखीं प्लेटें। जब दोनो चीजें एक साथ हों तो फिर किसकी मझाल है कि वह इन पर हाथ डाल सके। मदर्स डे पर जेएनआई की इस खास रिपोर्ट में मां के आशीर्वाद से पनप रहे डग्गामार वाहनों पर एक खास खबर देखिए।
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शमसाबाद और फर्रुखाबाद के बीच चलने वाले वाहनों का इस समय अंदाज ही निराला है। ज्यादातर डग्गामार वाहनों के नम्बर प्लेटों पर नम्बर अंकित नहीं किये गये हैं। कुछ समय पूर्व पुलिस अधीक्षक जोगेन्द्र कुमार ने सख्त हिदायत दी थी कि बगैर नम्बर प्लेटों के वाहन किसी कीमत पर नहीं चल सकेगे। उस समय एसपी के आदेश पर सड़क पर कुछ गहमागहमी दिखी लेकिन फिर बाद में सब ढर्रे पर आ गया। आना भी मजबूरी थी। जनपद में कोई भी कानून महज कुछ ही दिनों तक चलता है। बाद में शहर में ही दम तोड़ देता है।
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लाल दरबाजे पर खड़े होने वाले डग्गामार वाहनों की नम्बर प्लेटों पर आपको बड़ा बड़ा देखने को मिल जायेगा, मां का आशीर्वाद। नम्बर गायब! और कहीं आड़ी तिरछी सत्ताधारी पार्टी का सिम्बल लगा होगा या वाहन में ही पार्टी का झण्डा देखने को मिल जायेगा। चूंकि नम्बर प्लेट पर तो मां का आशीर्वाद है तो फिर किसकी मझाल है कि वह नम्बर चेक करे। जनपद में धड़ल्ले से हो रही डग्गामारी पर मुख्य रूप से इसका आशीर्वाद है। यह किसी से छिपा नहीं है। थाने से थानेदार का आशीर्वाद, चौकियों से दरोगा का आशीर्वाद और फिर इन सबके ऊपर मां का आशीर्वाद। आखिर वह कौन सी मां है जिसके आशीर्वाद के सहारे खाकी तक नतमस्तक रहती है।