घुसपैठ पर सलमान के आगे चीन की बोलती बंद, हॉटलाइन प्रस्ताव पर फैसला

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दिल्ली : भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर चीन पहुंचते ही हाल में लद्दाख के दिपसांग क्षेत्र में चीनी सैनिकों द्वारा की गई घुसपैठ का मसला उठा दिया। कुछ घंटे के ब्रेक के बाद जब एक बार फिर खुर्शीद और उनके चीनी समकक्ष वांग-यी की बैठक शुरू हुई तो उन्होंने लद्दाख मसले पर उठाए गए खुर्शीद के सवालों पर मौन साध लिया। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति की बैठक में हॉटलाइन स्थापित करने के प्रस्ताव को नए सिरे से आगे बढ़ाने का फैसला हुआ।
[bannergarden id=”8″]Salman Chinaबैठक के बाद खुर्शीद ने बताया कि अब तक चीन की ओर से घुसपैठ की कोई वजह नहीं बताई गई है। खुर्शीद की बीजिंग यात्रा में व्यापार समेत द्विपक्षीय रिश्तों के कई पहलुओं पर बात होनी है। विदेश मंत्री स्तरीय वार्ता के दौरान लद्दाख में दोनों देशों के बीच तीन हफ्ते तक चले गतिरोध पर प्रमुखता से चर्चा हुई। हालांकि, खुर्शीद और वांग ने मसले के सुलझने पर संतोष जताया।
उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में आरोप-प्रत्यारोप से कोई फायदा नहीं होगा। निश्चित तौर पर लद्दाख विवाद के चलते द्विपक्षीय संबंधों पर धुंध छा गई थी, लेकिन हम खुश हैं कि इसे सुलझा लिया गया। हमारा लक्ष्य था वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 15 अप्रैल से पहले की स्थिति बरकरार रखना और हमें सफलता मिली। विदेश मंत्री के तौर पर जहां खुर्शीद की यह पहली चीन यात्रा है, वहीं मार्च में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद चीन में भी नए विदेश मंत्री हैं। खुर्शीद चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग से भी मिलेंगे। इस दौरान केकियांग की 19 मई से शुरू हो रही तीन दिवसीय भारत यात्रा की तैयारियों पर भी चर्चा होगी।
बैठक से पहले चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि सीमा विवाद का समाधान दोनों देशों के मूल हितों से मेल खाता है और दोनों इसे सुलझाना भी चाहते हैं। चीन भारत के साथ मिलकर सीमा क्षेत्र की शांति बनाए रखने की व्यापक कोशिश करने को तैयार है। खुर्शीद के दौरे में दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन का मु्द्दा भी उठेगा।
भारत की ओर से दोनों देशों के बीच वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के स्तर पर सीधे संपर्क की व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव है। फिलहाल दोनों देशों के बीच सैन्य संपर्क के लिए फ्लैग मीटिंग की व्यवस्था है। अगर भारत का प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच जरूरत पड़ने पर सीधे बातचीत की व्यवस्था बनेगी। वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) स्तर पर वार्ता की व्यवस्था है। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति की बैठक में हॉटलाइन स्थापित करने के प्रस्ताव को नए सिरे से आगे बढ़ाने का फैसला हुआ। इसके तरह सीमा संबंधी किसी भी सैन्य स्थिति को सुलझाने के लिए सैन्य अधिकारी आपस में बात कर लेते हैं।
गौरतलब है कि बीते दिनों लद्दाख के दिपसांग बल्ज क्षेत्र में भारतीय हद में दाखिल हुए चीनी सैनिकों के तंबुओं को हटवाने के लिए भारत को कई बार फ्लैग मीटिंग मांगनी पड़ी थी। साथ ही इसके लिए बीजिंग में अपने राजदूत के जरिए भी खासी कवायद करनी पड़ी।
चीन के एक कट्टरपंथी अखबार ने बृहस्पतिवार को यह बात कही है कि भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के चीन दौरे से हाल के सीमा विवाद को एक राजनीतिक अंत देने में मदद मिलेगी।[bannergarden id=”11″]