लखनऊ : बसपा के ब्राह्माण वोट बैंक पर फिर नजरें गड़ाते देख समाजवादी ब्राह्माण सभा भी अलर्ट हो गई। ब्राह्माण सभा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य मंत्री मनोज कुमार पांडेय गुरुवार को जवाब देने के लिए आगे आए।
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उन्होंने कहा बसपा प्रमुख मायावती को तिलक-तराजू और तलवार का नारा याद करना चाहिए। यह भी नहीं भूलना चाहिए जब बसपा सत्ता में आती है तो सबसे ज्यादा दलित एक्ट के शिकार ब्राह्माण होते हैं। बसपा की सत्ता का लाभ ब्राह्माण समाज को मिलने के बजाय सतीश मिश्र और उनके परिवार को मिलता है। सतीश मिश्र को जवाब देना होगा बसपा सरकार में मायावती ने जब लगभग 15000 निर्दोष ब्राह्माणों को दलित एक्ट के फर्जी मुकदमों में जेल भेजा था, तब वह कहां थे?
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मनोज पांडेय ने कहा मायावती को ब्राह्माणों की याद तब आती है जब चुनाव करीब आता है। ब्राह्माण समाज और देश को जोड़ने का काम करता है जबकि मायावती समाज को तोड़ने का काम करती हैं। मायावती ने तीन वर्ष तक प्रोन्नतियों पर रोक लगाए रखी जिसका नुकसान ब्राह्माणों सहित अगड़ी व पिछड़ी जातियों के लोगों को हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने जब आरक्षण समाप्त कर दिया तो प्रोन्नति में आरक्षण आरक्षण बिल पारित कराने के लिए कांग्रेस, भाजपा और बसपा ने एकजुट होकर प्रयास किया परन्तु सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा में इसका विरोध किया और बिल पारित नहीं होने दिया।