लखनऊ : प्रतापगढ़ के बलीपुर में सीओ कुंडा जियाउल हक को संकट में घिरा छोड़कर भाग जाने वाले चारों पुलिसकर्मी बर्खास्त हो सकते हैं। इन पुलिसकर्मियों की जांच कर रहे प्रतापगढ़ के अपर पुलिस अधीक्षक आशाराम ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में शासन से आठ पुलिस कर्मियों को दंडित करने की सिफारिश की है, जिसमें से चार को कठोर दंड देने की बात कही है।
अपर पुलिस अधीक्षक की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति
प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि दो मार्च को प्रतापगढ़ के बलीपुर गांव में प्रधान नन्हें यादव की हत्या के बाद मौके पर पहुंचे सीओ कुंडा जियाउल हक को आक्रोशित भीड़ के बीच छोड़कर पुलिसकर्मी फरार हो गये। इसकी जांच प्रतापगढ़ के अपर पुलिस अधीक्षक आशाराम को दी गयी थी। आशाराम ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कुंडा के तत्कालीन निरीक्षक सर्वेश मिश्रा, हथिगवां के थानाध्यक्ष मनोज शुक्ला, वरिष्ठ उप निरीक्षक कुंडा विनय कुमार और सीओ के गनर इमरान के खिलाफ उप्र अधीनस्थ पुलिस अधिकारी नियमावली की धारा 14 ए के तहत कठोर दंड की संस्तुति की है। धारा 14 ए में पुलिसकर्मी को बर्खास्त करने या पदावनत करने या फिर स्थायी रूप से वेतनवृद्धि रोकने का नियम है। सूत्रों का कहना है कि इसमें से बर्खास्तगी करने पर विचार हो रहा है। इंस्पेक्टर कुंडा के चार हमराह पुलिसकर्मियों को भी मौके पर जाना चाहिए था, लेकिन वह नहीं गये। उनका कहना था कि इंस्पेक्टर ने ही उन्हें रोक दिया था। फिर भी विषम परिस्थिति में कर्तव्य के प्रति उदासी बरतने के आरोप में आरक्षी शिवेन्द्र सिंह, अनिल कुमार, राकेश कुमार और हबीब के खिलाफ धारा 14 दो के तहत दंडित करने की सिफारिश की गयी है। इन पुलिसकर्मियों का एक माह का वेतन रोका जा सकता है। विश्वकर्मा ने कहा कि अब इनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।