फर्रुखाबाद : परिषदीय शिक्षकों को पदोन्नति के लिए अभी और इंतजार करना होगा। शासन ने एक बार पुन: पदोन्नति पर रोक लगा दी है। इससे लगभग दो हजार शिक्षकों को जहां उनका हक मिलने में देरी हो रही है वहीं बच्चों की पढ़ाई भी बाधित है।
पिछले दो वर्षो में नवनिर्मित स्कूलों का हाल बेहाल है। किसी तरह एक शिक्षक-शिक्षा मित्रों व कहीं-कहरं तो चपरासी और रसोइया के सहारे विद्यालय चल रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि आसपास के कई जनपदों में वर्ष 2009 तक के शिक्षकों की पदोन्नति हो चुकी है। पूर्व में शासन द्वारा पदोन्नति पर लगी रोक फरवरी में हटा दी गई थी लेकिन अब पुन: इस पर रोक लगा दी है।
शिक्षक नेाताओं का कहना है कि शिक्षा विभाग को छोड़ कर अन्य विभागों में पदोन्नति की कार्रवाई हो रही है। इस पर लगी रोक को तत्काल हटाया जाना चाहिए। आसपास के जिलों में प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की पदोन्नति का कार्य पूर्ण हो चुका है। जनपद में पदोन्नति दो वर्षो से नहीं हुई। शासन द्वारा लगाई गई रोक हटाई जानी चाहिए। इससे जूनियर एवं प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी। साथ ही कई ऐसे विद्यालयों को शिक्षक मिल जाएंगे जो एकल हैं।