सूखे से जूझ रहे महाराष्ट्र में होली के नाम पर लाखों लीटर पानी से होली खेलने के उपक्रम के कारण हाल ही में चर्चा में आये आसाराम बापू ने अब ईश्वर का रूप ले लिया है। उन्होंने ख़ुदाई दावे करान शुरू कर दियो है। उन्होंने कहा है कि वो जब चाहें जचां चाहें बारिश करवा सकते हैं। यह कहते वक्त बापू ने भगवान को यार कहकर संबोधित किया और कहा कि जहां भी सूखा पड़ा होता, हम पानी बरसा देते हैं।
इसे महज एक मजाक कहें या फिर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़, आसाराम बापू ने ये शब्द अपनी एक ज्ञान सभा में कही। वो भी उस समय जब महाराष्ट्र और गुजरात का सौराष्ट्र क्षेत्र बुरी तरह सूखे की चपेट में है। हाल ही में वो जब हजारों लोगों पर पानी की बौछारें डालकर होली खेल रहे थे, तो सरकार ने उन्हें पानी की बर्बादी करने का नोटिस थमा दिया। वे नहीं माने उन्होंने फिर महाराष्ट्र में और जम्मू में जमकर पानी की होली खेली। सरकार ने फिर प्रहार किया। इसी बात पर तिलमिलाये आसाराम बापू ने कहा, “हम किसी सरकार के बाप से पानी नहीं लेते। यार भगवान जहां भी सूखा पड़ता है, हम पानी बरसा देते हैं, तो परेशानी किस बात की।” बापू की इस बात पर लोगों में गुस्सा है। गुस्सा इसलिये क्योंकि महाराष्ट्र में पिछले 40 साल में इतना सूखा नहीं पड़ा। यहां लोग बेहाल हैं। खेती से लेकर पीने तक को पानी के लिये लोग मोहताज दिख रहे हैं। यही कारण है कि इस साल मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई शहरों में पानी से होली नहीं खेली गई।