नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर आस्ट्रेलिया को 6 विकेट से रौंद कर इतिहास रच दिया है| इस तरह भारत ने 4 -0 से पटक कर सीरिज अपने नाम कर ली है|
आपको बता दें जारी चौथे टेस्ट मैच के तीसरे दिन रविवार को जीत के लिए 155 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए चायकाल तक एक विकेट पर 72 रन बना लिए थे। भारत जीत से महज 83 रन दूर था। भारत ने मुरली विजय (11) सहित चार का विकेट गंवाया है। विजय को ग्लेन मैक्सवेल ने 19 रन के कुल योग पर आउट किया। चेतेश्वर पुजारा 40 रनों पर नाबाद हैं, जबकि विराट कोहली ने 16 रन बनाए हैं। पुजारा ने 39 गेंदों का सामना करते हुए छह चौके लगा चुके हैं। कोहली और पुजारा के बीच दूसरे विकेट के लिए अब तक 53 रनों की साझेदारी हुई है।
इससे पहले, रवींद्र जडेजा (58/5) के नेतृत्व में अपने स्पिन गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत भारत ने आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 164 रनों पर समेट दी। इस तरह भारत को जीत के लिए 155 रनों का लक्ष्य मिला।
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आस्ट्रेलिया की पहली पारी 262 रनों पर समेटने के बाद भारत ने अपनी पहली पारी में 272 रन बनाए थे। भारत को 10 रनों की बढ़त मिली थी। इसके बाद जडेजा, प्रज्ञान ओझा और रविचंद्रन अश्विन ने अपनी फिरकी के कमाल से मेहमानों को सस्ते में समेटते हुए अपनी टीम के लिए जीत का रास्ता आसान कर दिया।
भारत को तीसरे दिन के पहले सत्र में 10 मिनट के भीतर समेटने के बाद आस्ट्रेलिया ने भोजनकाल तक 89 रनों के कुल योग पर पांच विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद जडेजा ने लगातार दो गेंदों पर दो विकेट लेकर मेहमान टीम की बड़ी बढ़त लेने के मंसूबों को धोकर रख दिया। जडेजा के दोहरे झटके के बाद ओझा ने भी अपना दूसरा शिकार किया और भारत को तीसरे दिन ही जीत हासिल करते हुए इतिहास कायम करने का आत्मबल दिया।
भोजनकाल तक विकेटकीपर बल्लेबाज मैथ्यू वेड 16 रनों पर खेल रहे थे जबकि स्टीवन स्मिथ ने 17 रन बनाए थे। जडेजा ने स्मिथ को 18 के निजी योग पर बोल्ड किया और फिर अगली ही गेंद पर मिशेल जानसन (0) को बोल्ड करके अपनी टीम को सातवीं सफलता दिलाई। ये दोनों विकेट 94 के कुल योग पर गिरे।
ओझा ने 122 रन के कुल योग पर वेड (19) को चलता किया। वेड ने पीटर सिडल (50) के साथ आठवें विकेट के लिए 28 रन जोड़े। इसके बाद सिडल ने जेम्स पेटिंसन (11) के साथ नौवें विकेट के लिए 35 रनों की साझेदारी करके अपनी टीम की बढ़त को आगे ले जाने का काम किया।
पेटिंसन को इशांत ने बोल्ड करके अपनी टीम को अपेक्षित सफलता दिलाई। सिडल अंतिम विकेट के तौर पर रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर स्टम्प किए गए। सिडल ने 44 गेंदों पर सात चौके लगाए। इस श्रृंखला में यह उनका दूसरा अर्धशतक है।
आस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी की शुरुआत डेविड वार्नर और ग्लेन मैक्सवेल के साथ की। कप्तान शेन वॉटसन ने सोची-समझी रणनीति के तहत मैक्सवेल को पारी की शुरुआत करने के लिए भेजा लेकिन उनकी सोच गलत साबित हुई। 15 रन के कुल योग पर जडेजा ने अपनी एक बेहतरीन फिरकी पर मैक्सवेल को बोल्ड कर दिया। मैक्सवेल ने 14 गेंदों का सामना करते हुए आठ रन बनाए।
इसके बाद जडेजा ने वार्नर को निशाना बनाया और 20 रन के कुल योग पर उनसे दूसरे दिन की छींटाकशी का बदला लिया। वार्नर आठ रन के निजी योग पर जडेजा द्वारा पगबाधा कर दिए गए। वार्नर ने 15 गेंदों पर एक चौका लगाया। वार्नर को आउट करने के बाद जडेजा ने कुछ अलग तरह से जश्न मनाया जो अम्पायर अलीम डार को रास नहीं आया। डार ने उन्हें ऐसा न करने की चेतावनी दी।
वार्नर की विदाई के बाद फिलिप ह्यूज और एड कोवान स्कोर को 41 रनों तक लेकर गए लेकिन इसी योग पर अश्विन ने ह्यूज को पगबाधा आउट करके भारत को तीसरी सफलता दिलाई। ह्यूज ने तीन गेंदों का सामना किया।
अब विकेट पर कप्तान वॉटसन खुद आ चुके थे। उन पर अपनी टीम को मुश्किलों से निकालकर कम से कम 150 रनों की बढ़त दिलाने की चुनौती थी, जिसकी बदौलत मैच के अपने पक्ष में किया जा सकता था लेकिन वह भी नाकाम रहे।
वॉटसन पांच रन के निजी योग पर ओझा की गेंद को पुल करने के चक्कर में बोल्ड हो गए। यह विकेट 51 रनों के कुल योग पर गिरा। कुल योग में अभी दो रन और जुड़े थे कि जडेजा ने कोवान (24) को पगबाधा आउट करके अपनी टीम को पांचवीं सफलता दिलाई। कोवान ने 44 गेंदों का सामना करते हुए पांच चौके लगाए।
इससे पहले, भारत ने अपनी पहली पारी में 272 रन बनाए। भुवनेश्वर कुमार 14 रन पर नाबाद लौटे जबकि इशांत खाता नहीं खोल सके। प्रज्ञान ओझा (0) भी बिना कोई रन जोड़े पवेलियन लौटे। आस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 262 रन बनाए थे। इस लिहाज से भारत को 10 रनों की बढ़त प्राप्त हुई थी। लियोन ने 94 रन देकर सात विकेट हासिल किए। टेस्ट मैचों में लियोन का यह अब तक का श्रेष्ठ प्रदर्शन है।
भारतीय टीम चार मैचों की यह श्रृंखला 3-0 से पहले ही अपने नाम कर चुकी है। भारतीय टीम 4-0 से यह श्रृंखला जीतते हुए इतिहास कायम करना चाहेगी। उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में अब तक एक बार भी इस अंतर से कोई श्रृंखला नहीं जीती है।
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