इटली द्वारा नौसैनिको को वापस भेजने का निर्णय भारत की कूटनीतिक विजय: सलमान

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Salman5नई दिल्ली: दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपों का सामना कर रहे अपने दोनों नौसैनिकों को इटली ने कानूनी ट्रायल के लिए भारत वापस भेजने का फैसला किया है।इन दोनों नौसैनिकों को एक विशेष विमान से भारत भेजा जा रहा है। दोनों के शुक्रवार को भारत पहुंचने की संभावना है। इन दोनों के भारत लौटने की मियाद आज ही खत्म हो रही है। इससे पहले इटली ने इन नौसैनिकों को भारत वापस भेजने से इनकार कर दिया था। केंद्रीय विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने इसे भारत की इटली के साथ जारी नौसैनिक विवाद में बड़ी कूटनीतिक सफलता बताया है।

श्री खुर्शीद ने इसे कहा कि भारत ने इटली के इस कदम का स्वागत किया है। विदित है कि इटली सरकार की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि भारत की तरफ से इन दोनों नौसैनिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा का आश्वासन मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया है। बयान के मुताबिक, नौसैनिक भी भारत जाने के लिए राजी हैं। इटली के प्रधानमंत्री मोंटी मारियो ने रक्षा मंत्री जियामपाअलो डि पाअलो के साथ गुरुवार को बैठक के बाद नौसैनिकों को भारत वापस भेजने का निर्णय लिया। सरकार ने इटली को भरोसा दिया है कि भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले में इटली के मरीनों को फांसी की सजा यानी मौत की सजा नहीं होगी। साथ ही भारत पहुंचने पर उनकी गिरफ्तारी भी नहीं होगी। बताया जाता है कि दोनों आरोपी इतालवी नौ सैनिक कानूनी प्रक्रिया के दौरान नई दिल्ली स्थित इटली के दूतावास में रहेंगे। उल्‍लेखनीय है कि कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने भी नौसैनिक विवाद में इटली के रुख की कड़ी आलोचना की थी।

विदित है कि दोनों नौसैनिकों पर आरोप है कि पिछले साल इन्होंने केरल तट पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या कर दी थी। हत्या के आरोपों का सामना कर रहे इन नौसैनिकों को फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इटली के चुनावों में भाग लेने के लिए 4 हफ्तों के लिए इस शर्त पर इटली जाने की इजाजत दी थी कि वे चुनावों के बाद भारत वापस लौट आएंगे। लेकिन इटली जाने के बाद उन्होंने भारत वापस आने से इनकार कर दिया। इसमें इटली सरकार ने भी यह कहकर उनका साथ दिया कि यह अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए।

इसके बाद दोनों देशों के बीच इस मुद्दे को लेकर विवाद बढ़ गया। सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद इटली के राजदूत डेनियल मेनचिनी के देश छोड़ने पर रोक लगा दी थी। जिसकी इटली ने यह कहकर आलोचना की थी कि भारत 1961 की वियना संधि का उल्लंघन कर रहा है। यूरोपीय संघ ने भी भारत के इस कदम की आलोचना की थी। कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने इटली को कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी कि वह भारत को हल्के में न ले। भारत के रणनीतिक दबाव के आगे झुकते हुए आखिर इटली ने इन नौसैनिकों को भारत वापस भेजने का निर्णय किया।