FARRUKHABAD : स्वास्थ्य विभाग की तरफ से खसरा के टीके लगाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नियुक्त किया गया था। जिसके लिए निश्चित मानदेय भी निर्धारित हुआ था। लेकिन काम पूरा होने के बाद जब आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां पैसा लेने के लिए लालगेट स्थित सीडीपीओ कार्यालय पहुंचीं तो उन्हें एक दिन का मानदेय ही दिया गया। जिस पर कार्यकत्रियां भड़क गयीं और जमकर नारेबाजी की गयी।
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आंगनबाड़ी कार्यकत्री प्रीती गुप्ता ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व नगर क्षेत्र की सोसाइटी में एक बैठक बुलाकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को खसरे के टीके लगाने के लिए नियुक्त किया गया था। लिंजीगंज स्वास्थ्यकेन्द्र की चिकित्साधिकारी डा0 सरला रघुवंशी ने दिनों के हिसाब से मानदेय देने की बात कही थी। एक दिन में 75 रुपये मिलने थे। कार्यकत्रियों का आरोप है कि कई दिन काम करने के बाद जब पैसे देने का नम्बर आया तो सुपरवाइजर ने 75 रुपये सिर्फ एक दिन के ही देकर हाथ खड़े कर लिये। जिसके बाद कार्यकत्रियां भड़क गयीं और जमकर नारेबाजी की गयी। जिसके बाद लिंजीगंज चिकित्साधिकारी सरला रघुवंशी ने कार्यकत्रियों से ड्यूटी का लिखित ब्यौरा मांगा और पूरा पैसा दिलाने का आश्वासन दिया।
इस सम्बंध में सीडीपीओ कमला मिश्रा ने कहा कि उनकी इस सम्बंध में चिकित्साधिकारी सरला रघुवंशी से बात हुई है। उन्होंने बजट व उपस्थिति के अनुसार मानदेय देने की बात कही है। कम पड़े बजट को मुख्य चिकित्साधिकारी से उपलब्ध कराने के लिए लिखा जायेगा। मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 राकेश कुमार ने बताया कि वैसे तो इस मामले में नगर क्षेत्र डा0 सरला रघुवंशी के पास है। पैसे का भुगतान उन्हीं को करना है, बजट उन्हें उपलब्ध करा दिया गया है। उपस्थिति को पास सुपरवाइज करता है। उसके लिखित प्रमाणों पर ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भुगतान मिलेगा। फिर भी अगर कोई शिकायत मिली तो कार्यवाही की जायेगी।