FARRUKHABAD : माधुरी की आंखों में आंसू अब सूख गये, रो रो कर गला रुंध गया, मांग सूनी हो गयी और हाथों की चूड़ियां भी चकनाचूर होकर जमीन पर बिखर गयीं। बीती रात तेज रफ्तार रोडवेज बस ने माधुरी की खुशियों को गम में बदल दिया। मात्र 10 माह में ही उसका सुहाग उजड़ गया।
कहते हैं कि ऊपर वाले की मर्जी के बगैर पत्ता नहीं हिलता, वह जब चाहे, जहां चाहे किसी के साथ कुछ भी कर सकता है। ऊपर वाले का निर्णय हमेशा अच्छा ही माना जाता है। लेकिन माधुरी के साथ ऐसा नहीं। शहर कोतवाली क्षेत्र के घटियाघाट पुल पर पड़ोसी जनपद हरदोई के थाना पाली दलेलपुर निवासी राधेश्याम का 20 वर्षीय पुत्र अजय अपने साथी 16 वर्षीय सुरजीत पुत्र रामसनेही के साथ साइकिल से घर जा रहा था। तभी तेज रफ्तार रोडवेज बस ने अजय की साइकिल में जबर्दस्त टक्कर मार दी। जिससे दोनो गंभीर रूप से घायल हो गये। तत्काल दोनो घायलों को लोहिया अस्पताल में लाया गया। जहां हालत गंभीर होने पर अजय को रिफर कर दिया गया। कानपुर ले जाते समय गुरसहायगंज व कमालगंज के बीच रात तकरीबन दो बजे अजय ने दम तोड़ दिया।
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मौत की खबर जब उसकी पत्नी माधुरी और मां अंगारादेवी को लगी तो जैसे भूचाल सा आ गया। कहते हैं जिसका समय आ गया वह तो जायेगा ही। लेकिन समय समय की बात अच्छी लगती है। माधुरी को 16 श्रंगार किये महज अभी 10 माह ही हुए थे। हाथों की मेंहदी भी ठीक से नहीं छूट पायी थी कि उसका सुहाग उजड़ गया। अजय का विवाह पड़ोसी जनपद शाहजहांपुर के थाना निगोई के ग्राम परा से पातीराम की पुत्री माधुरी से हुआ था।