लखनऊ: सीओ कुंडा जियाउल हक की हत्या की जांच कर रही सीबीआइ अब खुलासे के करीब पहुंचती दिख रही है। गायब पिस्टल बरामदगी में सीबीआइ ने एसटीएफ से मदद मांगी है। टीम ने शुक्रवार को प्रधान के बेटे, भाई, भयाहू व नन्हे के साथ ही निलंबित पुलिसकर्मियों से पूछताछ की। वहीं सीबीआइ की ओर से निलंबित कोतवाल सर्वेश मिश्र का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति से संबंधित अर्जी लखनऊ स्थित विशेष कोर्ट में दाखिल किए जाने से अन्य पुलिस कर्मियों की भी नींद उड़ गई है। राजा भैया को भी पूछताछ के लिए सीबीआइ बुलाने की तैयारी में है। राजा के बेंती कोठी आने को इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधान के बेटे व भाई से सीबीआई को अहम सुराग मिले हैं। शुक्रवार को हुई पूंछतांछ में सीबीआइ के सवालों में राजा भैया का ड्राइवर गुड्डूं बुरी तरह उलझता बताया गया है।
शुक्रवार को पूछताछ में रिमांड पर लिए गए राजा भैया के करीबी गुड्डूं व राजीव सीबीआइ के सवालों में उलझे रहे। इससे पूर्व सीबीआइ टीम गुड्डूं व राजीव को लेकर सीएचसी कुंडा पहुंची और दोनों का मेडिकल कराया। वहीं दोपहर में एसटीएफ की टीम कुंडा कैंप कार्यालय पहुंची। दोपहर लखनऊ-इलाहाबादएसटीएफ की टीम कुंडा कैंप कार्यालय पहुंची। यहां दोनों विभागों के अधिकारियों के बीच कई घंटे तक बातचीत होती रही। आशा जताई जा रही है कि सीबीआइ ने आरोपियों की गिरफ्तारी और सीओ की पिस्टल बरामदगी को लेकर एसटीएफ अधिकारियों से विचार विमर्श किया। हालांकि मामले को लेकर दोनों विभागों के अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।
अब तक प्रधान के पड़ोसी नन्हे गौतम, भाई फूलचंद्र, बेटे बबलू उर्फ योगेंद्र से पूछताछ में सीबीआइ के हाथ कुछ हद तक कामयाबी लगी है। इसके अलावा फूलचंद्र व पवन की पत्नी से कैंप कार्यालय मे संयुक्त निदेशक आरएस भट्टी समेत अन्य अफसरों ने पूछताछ की।
टीम ने उन पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की, जो घटना वाली रात बलीपुर गांव में मौजूद थे। मामले में राजा भैया से सीबीआइ की पूछताछ करने की अटकलें शुक्रवार को भी लगाई जाती रहीं। मामले में परवीन आजाद की तहरीर पर सीओ की हत्या के मामले में राजा पर हथिगवां थाने में मुकदमा दर्ज है। माना जा रहा है कि सीबीआइ पहले गुलशन यादव, हरिओम श्रीवास्तव, रोहित सिंह और इसके बाद राजा भैया से भी पूछताछ करेगी।
बलीपुर कांड की जांच कर रही सीबीआइ की ओर से निलंबित कोतवाल सर्वेश मिश्र का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति से संबंधित अर्जी लखनऊ स्थित विशेष कोर्ट में दाखिल किए जाने से अन्य पुलिस कर्मियों की भी नींद उड़ गई है। ऐसे में सबकी नजर 22 मार्च को इस अर्जी पर होने वाली सुनवाई पर टिकी है। सीओ को छोड़कर भागने के मामले में निलंबित कोतवाल सर्वेश मिश्र, निलंबित एसओ मनोज शुक्ला, एसएसआइ विनय सिंह, गनर इमरान की भूमिका की जांच पहले से ही की जा रही है। कई चक्र की पूछताछ के बाद भी सीबीआइ सर्वेश मिश्र के बयान से संतुष्ट नहीं है। वह सवालों का सटीक जवाब देने के बजाय टरका रहे है। इसकी जानकारी होने के बाद ही निलंबित एसओ मनोज शुक्ला, एसएसआइ विनय सिंह, गनर इमरान की नींद उड़ गई है। सीबीआई टीम ने आज फिर से निलंबित पुलिसकर्मियों से सच्चाई उगलवाने की कोशिश की। यही नहीं उसने उन पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की, जो घटना वाली रात बलीपुर गांव में मौजूद थे।
सीओ जियाउल हक की हत्या की जांच कर रही सीबीआइ की मदद अब एसटीएफ भी करेगी। शुक्रवार को कुंडा कैंप कार्यालय में दोनों विभागों के अधिकारियों के बीच घंटों चली बैठक में मामले के खुलासे की रणनीति बनाई गई। समझा जा रहा है कि सीओ की पिस्टल बरामदगी में सीबीआइ ने एसटीएफ से मदद मांगी है। सीबीआइ ने शुक्रवार को प्रधान के बेटे, भाई, भयाहू व नन्हे के साथ ही निलंबित पुलिसकर्मियों से एक बार फिर पूछताछ की। अधिकारियों ने उन पुलिसकर्मियों के बयान भी लिए, जो घटना वाले दिन गांव में मौजूद थे।
प्रधान के पड़ोसी नन्हे गौतम, भाई फूलचंद्र, बेटे बबलू उर्फ योगेंद्र से पूछताछ में सीबीआइ के हाथ कुछ हद तक कामयाबी लगी है। प्रधान के भाई फूलचंद्र, बेटे बबलू, नन्हे गौतम के अलावा फूलचंद्र व पवन की पत्नी को शुक्रवार को कैंप कार्यालय बुलाकर सीबीआइ के संयुक्त निदेशक आरएस भट्टी समेत अन्य अफसरों ने पूछताछ की। गुरुवार को देर रात फूलचंद्र, पवन को पूछताछ के बाद सीबीआइ ने छोड़ दिया था, हालांकि नन्हे गौतम को हिरासत में ही रखा गया था।
इसी क्रम में रिमांड पर लिए गए राजा भैया के चालक गुड्डूं सिंह, राजीव सिंह से कैंप कार्यालय पर तीसरे दिन भी संयुक्त निदेशक समेत अन्य अधिकारी पूछताछ करते रहे। घटनास्थल पर अपनी मौजूदगी को एक बार फिर नकार दिया। सूत्रों की मानें तो गुड्डू अपने उस बयान में कायम है जो उसने लखनऊ में पत्रकारों के सामने दिया था। लखनऊ में पत्रकारों के सामने गुड्डू ने नन्हे और कामता में चल रही अदावत के बारे में जानकारी दी। इसके बाद उन्हे कुंडा स्थित नगर पंचायत कार्यालय ले जाया गया।