गूगल रिपोर्ट: JNI website की खबरों को पढ़ने वालो की संख्या हुई 1 लाख के पार

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अप्रैल 2013 में जॉइंट न्यूज़ ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर खबरे पढ़ने वालो की संख्या में रिकॉर्ड बढौत्तरी हुई है| गूगल रिपोर्ट के मुताबिक 1 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच पाठक संख्या का औसत 1,02,219 रहा| इसमें मोबाइल पर वेबसाइट देखने वालो की संख्या कुल संख्या का 60% रहा| यानि JNI NEWS की खबरों को पाठक कंप्यूटर/लैपटॉप से ज्यादा मोबाइल पर पढ़ा जा रहा है| बेहतर कंटेंट और सबसे पहले तथ्यपरक खबरों के कारण खबरे पढ़ने वालो की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है| अब गाँव गाँव मोबाइल पर लोग जे एन आई की वेबसाइट पर खबरे पढ़ कर खबरों की प्यास बुझा रहे है| इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के युग में अब आम जनता को कल का इन्तजार रास नहीं आ रहा है| अखबारों के मुकाबले हर जगह ताजा खबरे मोबाइल पर पढ़ी जा रही है| दुनिया भर की वेबसाइट पर नजर रखने वाली गूगल की रिपोर्ट देखिये-
JNI NEWS
अखबारों में पेड़ न्यूज़ के बढ़ रहे प्रचलन और विज्ञापन दाताओ को संरक्षण देते हुए उनके खिलाफ खबरों को दबा देने की खुलती पोल ने पाठको को न्यू मीडिया की खबरों पर ज्यादा भरोसा करने पर मजबूर किया है| इसके अलावा देश दुनिया में कहीं भी रहने पर अपने आसपास की खबरों से हमेशा जोड़े रखने में भी न्यू मीडिया अग्रणी हो रहा है| अप्रैल माह में JNINEWS portal पर 12 लाख से ज्यादा खबरों को पढ़ा जाना इसके प्रमाण के लिए काफी है|
JNI NEWS GRAPH APRIL 2013

मार्च 2013 की रिपोर्ट-
फरवरी माह 681443 साईट विजिट के रिकॉर्ड को मार्च में जे एन आई के पाठको ने तोड़ दिया है| मार्च में मासिक साईट 1081492 तक पहुच गयी| पिछले चार साल के सफ़र में जेएनआई यानि जॉइंट न्यूज़ ऑफ़ इंडिया वेब पोर्टल ने खबरों की दुनिया में अपना मुकाम बना लिया है और अपनी मंजिल की और चल पड़ा है| पिछले चार साल में बिना रुके हर दिन 24 घंटे इस पोर्टल पर ताजा खबरे प्रकाशित की गयी| 31 मार्च 2013 तक इस वेब पोर्टल पर 16326 खबरे पोस्ट की जा चुकी थी| यानि पिछले चार साल की खबरों का खजाना सहेजे ये पोर्टल एक इतिहास बनाने की और चल पड़ा है| गूगल रिपोर्ट के मुताबिक JNI की वेबसाइट पर फरवरी 2013  कुल 681443 विजिटर खबर पढ़ने पंहुचा था मगर मार्च में तो ये रिकॉर्ड भी टूट चूका है| इस तरह फर्रुखाबाद की खबरों को सबसे पहले और सबसे निर्भीकता से जनता तक पहुचने वाला जे एन आई वेब पोर्टल आज दूसरा सबसे बड़ा खबरों का माध्यम बन चुका है और फर्रुखाबाद जिले में न 1 बनने की और है|

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अख़बार हुए मुकाबले से बाहर-
वैसे SMS के मामले में 127300+ मोबाइल सब्सक्राइबर के साथ JNI NEWS ये रिकॉर्ड पहले ही बना चुका है| वर्ष 2009 में JNIन्यूज़ SMS से शुरू हुआ सफ़र mobile पर वेबसाइट के माध्यम से खबर पहुचने तक पंहुचा| देश में दूर दूर दराज गाँव तक खबर पहुचाने का कोई माध्यम नहीं था| तब हमारी नजर मोबाइल पर पड़ी| पहले sms से खबर पहुचने का शुरू हुआ काम वेबसाइट तक पंहुचा| आज पल पल की खबर गाँव में बैठा आदमी भी मोबाइल पर पढ़ सकता है वो भी बिलकुल निशुल्क| खबर भी बिकुल ताजा| जबकि अखबारों में बासी खबरे परोसी जा सकती है ताजा नहीं| इस मामले में अख़बार हमारा मुकाबला नहीं कर सकते| क्यूंकि वो इतनी तेजी से खबर नहीं पंहुचा सकते| नोकिया मोबाइल कम्पनी के सर्वे के मुताबिक आज फर्रुखाबाद जनपद में ही 3.5 लगभग लाख मोबाइल है| इनमे से 65 फ़ीसदी मल्टी मीडिया मोबाइल हैं| जिसमे लगभग 35 फ़ीसदी ऐसे मोबाइल उपभोक्ता है जो मोबाइल के सभी फंक्शन चलाना जानते हैं| यही खासियत जे एन आई के वेब पोर्टल पर खबरों को पढ़ने के लिए भी इस्तेमाल हो रही है| हमारी वेबसाइट की कुल पाठक संख्या में से अभी भी 70 फ़ीसदी पाठक मोबाइल पर खबर पढ़ रहे हैं|

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आज JNI वेबसाइट पर औसतन 22500 विजिटर प्रतिदिन होना एक छोटे से जिले में चल रहे न्यूज़ पोर्टल के लिए अच्छी खासी उपलब्धि है| इसका असर आपको सीधा सीधा दिखने लगा होगा| विज्ञापन दाताओ का बढ़ता भरोसा| वेब पोर्टल पर आने वाले विज्ञापन हमारी पाठक संख्या जो की सार्वजनिक होती है और कोई भी देख सकता है के आधार पर मिलता है| क्यूंकि JNI सबूतों के साथ हर चीज पेश करता है और ये पारदर्शिता ही हमारी सबसे बड़ी पूँजी है| गाँव से लेकर दिल्ली और पूरी दुनिया में जे एन आई के पाठक बने| एक नजर गूगल की ओरिजिनल रिपोर्ट पर-
March JNI Graph
Analytics-jnilive-Visiter

फर्रुखाबाद का रहने वाला भले ही वो दुनिया के किसी कोने में हो जे एन आई की वेबसाइट से जुड़ा है| पिछले चार साल में हमने जनता का भरोसा जीता| खबरों में सच खोज| निर्भीक होकर खबरे लिखी| वेबसाइट को चलाने के लिए किसी विज्ञापन का मोहताज नहीं बनाया| क्यूंकि विज्ञापन के दबाब में हम खबरों से समझौता नहीं कर सकते| सत्ता या प्रशासन पर सच लिखने में कभी कलम नहीं हिचकिचाती| बड़े पैसे वालों और प्रभावशाली नेता अपने रसूक और पैसे की दम पर जेएनआई की खबर को खरीद नहीं सके|

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