FARRUKHABAD : उन्हें यह नहीं मालूम कि भ्रष्टाचार क्या होता है। उन्हें यह भी नहीं मालूम कि उसको कौन-कौन और क्यों कर रहा है। वह भोलेभाले ग्रामीण तो सिर्फ साहब को पहचानते हैं, वह साहब जो ताम झाम के साथ कार्यालयों में जनता की फरियाद सुनते हैं। वह साहब जो किसी विवाद की स्थिति में जनता के बीच पहुंचकर उनसे इंसाफ का वादा करते हैं। लेकिन क्या यह हुक्मरान जनता के दर्द को वाकई में महसूस करते हैं यह एक बड़ा सवाल है। जनता किस पर भरोसा करे जब सरे आम अधिकारियों द्वारा न्याय की घोषणा करने के बाद भी महीनों न्याय नहीं मिलता तो फिर जनता का भरोसा हुक्मरानों पर से उठना लाजमी है। बीते एक माह पूर्व 26 जनवरी को विकासखण्ड बढ़पुर क्षेत्र के ग्राम गढ़िया ढिलावल के प्राथमिक विद्यालय का छज्जा अचानक भरभराकर क्या गिरा कि कुछ ही देर में वहां पर कई प्रशासनिक व राजनैतिक बत्तियां जनता के बीच अपने को अच्छा साबित करने के लिए पहुंच गयीं। कार्यवाही का आश्वासन हुआ। कार्यवाही भी हुई लेकिन दोषी का कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सका। घटना के बाद से पुनः भवन प्रभारी जब वही भवन बनाने पहुंचा तो ग्रामीणों ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं और तब उसे याद आयी हुक्मरानों व राजनेताओं की वह भरोसेभरी बातें जो घटना के समय उनसे कही गयीं थीं। फिलहाल अभी भी जांच अधर में है।
यह कोई नया नहीं, देश और प्रदेश में यह चलन आम हो गया है। जिसके खिलाफ शिकायत की जाती है, जांच वही करता है और इसी बजह से फरियादी को इंसाफ नहीं मिल पाता। जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग की बात करें तो फर्जी शिक्षकों को बढ़ावा देने और कई शिक्षकों को भवन बनाने के साथ-साथ नौनिहालों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। 26 जनवरी को गढ़िया विद्यालय के छज्जे के ढह जाने की घटना अभी वहां की जनता भूल भी नहीं पायी थी और उसे विश्वास था कि भवन ढहने में घायल हुए बच्चों के दोषियों पर कार्यवाही होगी। लेकिन गांव वालों का भरोसा तब डगमगा गया जब थाने में दर्ज एफआईआर की जांच के दायरे में चल रहे वही भवन प्रभारी टूटे छज्जे को पुनः बनाने पहुंचे। ग्रामीण आक्रोषित हुए और भवन प्रभारी को वहां से खिसकना पड़ा।
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मजे की बात तो यह है कि जिस भवन को मुख्य विकास अधिकारी आई पी पाण्डेय ने पहुंचकर ढाहने की बात कही थी उसी निर्माणाधीन अमानक भवन में आज भी प्रधानाचार्य विनीता राठौर बच्चों के साथ बैठी मिलीं, और वही भवन कई जगह से चटका हुआ भी है। क्या यह भ्रष्टाचार का उदाहरण नहीं कि चंद रुपयों की खातिर विभाग मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। श्री पाण्डेय द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल को दोषी प्रधान वेदराम व भवन प्रभारी अध्यापक प्रदीप सेंगर के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिये थे। भगवत पटेल ने अपने अधीनस्थ कर्मचारी के द्वारा थाना मऊदरवाजा में तहरीर दिलवाकर मुकदमा तो पंजीकृत करवा दिया। लेकिन अभी तक जांच हो रही है। भवन को देखकर अंधा भी यह कह देगा कि भवन अमानक बन रहा है। लेकिन पुलिस और बेसिक शिक्षा विभाग की मिलीभगत से भवन प्रभारी के हौसले बुलंद हुए और वह पुनः भवन की मरम्मत कराने पहुंच गया। इससे भवन प्रभारी की पहुंच का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
मामला कुछ भी हो, जांच कोई भी कर रहा हो लेकिन आज का यह घटनाक्रम देखकर आम आदमी के दिमाग से प्रशासन द्वारा न्याय दिलाने और पुलिस द्वारा कार्यवाही करने पर प्रश्नचिन्ह अवश्य ही लग गया है। वहीं पुलिस प्रधान और भवन प्रभारी को गिरफ्तार करने में भी कतरा रही है।
इस सम्बंध में थानाध्यक्ष मऊदरबाजा ने बताया कि मामले की विवेचना अंतिम चरण में है। सारे सबूत एकत्रित किये जा रहे हैं। शीघ्र आरोपियों पर कार्यवाही की जायेगी। वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि भवन का निर्माण कार्य बंद चल रहा है। अगर भवन प्रभारी इस सम्बंध में किसी तरह का निर्माण कराने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही होगी।