आइएएस अफसर किसी के नहीं : सीएम

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छह वर्ष बाद आइएएस वीक के आयोजन की अनुमति देने, आइएएस अधिकारियों के साथ क्त्रिकेट मैच खेलने वाले सीएम अखिलेश यादव का ब्यूरोक्त्रेसी को लेकर नजरिया रविवार को बदला-बदला दिखा। लखनऊ में समाजवादी अधिवक्ता सभा की बैठक मे मुख्यमंत्री ने कहा कि आइएएस अफसर किसी के नहीं होते। उन्होंने आइएएस की नई परिभाषा भी गढ़ी। कहा, आइएएस यानी इनविजबिल आफ्टर सरकार। सरकार में होने पर तो आगे-पीछे घूमते हैं पर सरकार न रहने पर गायब हो जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने अफसरों की आदत इतनी खराब कर दी है कि वह सही काम भी नहीं सुनते। इस आदत को बदलना ही पड़ेगा।

सपा मुख्यालय में रविवार को समाजवादी अधिवक्ता सभा की राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी की बैठक को मुख्यमंत्री ने संबोधित किया। बैठक से मीडिया को दूर रखा गया। अधिकृत तौर पर दी गई जानकारी में उनके द्वारा नौकरशाही के बारे में की गई टिप्पणी का कोई जिक्त्र नहीं रहा। सूत्रों के अनुसार बैठक में जब सदस्यों ने अफसरों के सुनवाई न करने की बात कही तो मुख्यमंत्री ने भी उनकी हां में हां मिलाई। उन्होंने कहा कि मुझे भी तमाम शिकायतें मिल रही हैं। पिछली सरकार ने अफसरों की आदत काफी बिगाड़ दी है। इतना भ्रष्टाचार व लूट किया है कि उन्हें अब सही काम भी समझ में नहीं आता है। अफसरों को यह आदत सुधारनी ही पड़ेगी। आज ही बसपा सरकार वाले दो मंत्री जेल गए हैं, इससे इन्हें भी सबक लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। कोई भी भ्रष्टाचारी कानूनी शिंकजे से बच नहीं पाएगा।

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सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बैठक के बारे में बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिवक्ता समाज का आश्र्वास्त किया है कि चुनाव केसमय किये गए वादे पूरे किए जाएंगे। अधिवक्ताओं के लिए पेंशन एवं चिकित्सा की व्यवस्था होगी। उनके चैम्बरों के निर्माण के लिए सरकार व्यवस्था करेगी।