कमालगंज (फर्रुखाबाद): उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा का हाल सुधारता दिखायी नहीं दे रहा है। जहां एक तरफ पूरे प्रदेश में ही बेसिक स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं वहीं मौजूदा स्कूलों में तैनात शिक्षक भी लापरवाही व लेट लतीफी से स्कूलों में पहुंच रहे हैं। जिससे नौनिहालों का भविश्य चौपट होता नजर आ रहा है।
उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूल बीते चार वर्षों से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की सरकार में जिन 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए सरकार जूझती रही। वहीं अब समाजवादी पार्टी की सरकार को भी उन्हीं 72 हजार प्रस्तावित पदों को भरने के लिए ही भारी कवायद करनी पड़ रही है। जिसके बाद भी बेसिक स्कूलों को शिक्षकों की नई लाट मिलती नहीं दिख रही है।
वहीं दूसरी ओर मौजूदा शिक्षकों पर अधिकारियों शिकंजा न कसे जाने से शिक्षा के प्रति लापरवाही बरती जा रही है। जनपद में शिक्षकों का स्कूलों में लेट लतीफ जाना पुराना रिकार्ड रहा है। दर्जनों शिक्षक कानपुर से आकर जनपद में शिक्षण कार्य करते हैं।
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सोमवार को विकासखण्ड कमालगंज क्षेत्र के ग्राम बहोरनपुर टप्पा हवेली के प्राथमिक विद्यालय का ताला साढ़े 10 बजे तक जब नहीं खुला तो इसकी सूचना प्रधान को दी गयी। जेएनआई रिपोर्टर ने जब मौके पर देखा तो स्कूल का साढ़े 10 बजे ताला बंद था। छात्र छात्रायें दरबाजे के बाहर इस इंतजार में खड़े थे कि कब ताला खुले और कब गुरू जी आये ंतब उन्हें कुछ पढ़ाया जाये।
वहीं स्कूल के बाहर ही सफाईकर्मी विमलेश व रामकुमार के अलावा सहायक अध्यापक भगवानदास भी खड़े मिले। उनसे पूछने पर उन्होंने बताया कि विद्यालय में प्रधानाध्यापक मंजू कुमारी राठौर, सहायक अध्यापंक वंदना श्रीवास्तव, शिक्षामित्र संगीता व लक्ष्मी के अलावा रसोइया कृष्णा और लौंग श्री तैनात है।
अब देखने वाली बात है कि स्कूल में इतने बड़े स्टाफ के बावजूद साढ़े 10 बजे तक कोई ताला खोलने नहीं पहुंचा। वहीं ग्राम प्रधान प्रमोद यादव से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शिक्षकों का लेट आना प्रति दिन का काम है। किसी भी दिन साढ़े 10 बजे से पहले स्कूल नहीं खुलता।