फर्रुखाबाद: प्रदूषण नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन की ओर से नगर में चलाये जा रहे अभियान में विभिन्न कारखानों की विद्युत आपूर्ति काट दी गयी है। जिसको लेकर कारखाना मालिक व मजदूर संघ परेशान है। कारखाना बंद हो जाने से हजारों मजदूरों की रोजी रोटी छिन जाने से मजदूर आंदोलन करने को विवश हो रहे हैं। गुरुवार को लगभग दो दर्जन कारखाना मालिकों व मजदूर संगठन ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा। [bannergarden id=”8″]
सौंपे गये ज्ञापन में कारखाना मालिकों ने मांग की कि उनके कारखानों को तत्काल विद्युत आपूर्ति दिलायी जाये नहीं तो वह लोग आंदोलन करने के लिए विवश होंगे। उन्होंने अपने ही दिये गये ज्ञापन में कहा है कि शहर के 70 प्रतिशत कारखाना मालिकों के पास ईटीपी लगाने के जिए जमीन उपलब्ध नहीं है। जबकि उन पर ईटीपी लगाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कई कारखाने तो ऐसे हैं जिनसे पानी बाहर निकलने के लिए नाले नालियां तक नहीं हैं ऐसे भी कारखानों को प्रशासन द्वारा बंद करा दिया गया है।
कारखाना मालिकों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें बिना किसी पूर्व नोटिस के कारखाना बंद कराने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मजदूर भूखों मरने के कगार पर पहुंच रहे हैं। वहीं उन्होंने प्रशासन से मांग की कि वह सभी छपाई उद्यमी मिलकर एक कामन ट्रीटमेंट प्लांट लगवाने की मांग की। वहीं उन्होंने समस्यायें हल न होने की दशा में आमरण अनशन की भी धमकी दी।
इस सम्बंध में इण्डिया अगेंस्ट करप्शन के लक्ष्मण सिंह एडवोकेट के नेतृत्व में पहुुंचे कारखाना मालिकों एवं मजदूर संघ के नेताओं को एसडीएम कमलेश कुमार व सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने जमकर फटकार लगा दी। उन्होंने कहा कि जो शासन स्तर से निर्देश मिले हैं। उसका अनुपालन कर रिपोर्ट भेज दी गयी है।
इस दौरान गोपाल बाबू पुरवार, मुन्नालाल राजपूत, नरेश कुमार, अरुन कुमार, सुबोध साध, नरेन्द्र कुमार, दिनेश मोहन, अजय, दीपक साध, अबधेश, सल्लू आदि मौजूद रहे।