फर्रुखाबाद: प्रशासन भले ही गंदे नालों को बंद कराकर गंगा को अविरल व स्वच्छ बहने का दम भर रहा हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है। कलम तो गलत चल सकती है लेकिन तीसरी आंख कभी झूठ नहीं बोलती। जेएनआई के कैमरे में कैद हुईं तस्वीरों को देखकर बाकई में गंगा को स्वच्छ बनाने की प्रशासन की हकीकत सामने आ गयी। प्रशासन द्वारा नालों को बंद करके पानी भले ही रोक दिया गया हो लेकिन गुपचुप तरीके से नाला काटकर गंदा पानी बखूबी गंगा तक पहुंच रहा है।
शहर क्षेत्र के टोका घाट के करीब से निकला विशाल गंदा नाला प्रशासन ने कुछ दिनों पूर्व रामनगरिया व कुम्भ मेले के चलते बंद भले ही करा दिया गया हो लेकिन बंद किये गये नालों से पानी निकलना जारी है और कहीं न कहीं से वह गंगा में ही पहुंच रहा है। नगर पालिका सब कुछ जानते हुए भी आंखों पर पट्टी बांधे बैठी है। छोटी बड़ी नालियों को अगर गिनें तो एक दर्जन से अधिक गंदी नालियां घरों में निकलकर सीधी गंगा में पहुंच रहीं हैं। लेकिन इन पर भी कोई रोकटोक नहीं लगायी गयी। वहीं बनाये गये बांधों तक को नगर पालिका ठीक से रोक नहीं पायी और पानी बांध तोड़कर निकलना शुरू हो गया। लेकिन नगर पालिका इस बात को मानने को बिलकुल भी तैयार नहीं है। किसी तरह से नाली व नालों का पानी गंगा में जा रहा है। टोकाघाट से लेकर घटियाघाट तक बनाये गये बांधों को कई जगह खुला देखा गया। जिससे गंदा पानी निकलना शुरू है।
नगर पालिका के जेई मनोज गुप्ता ने बताया कि उनके द्वारा तो नालों को ठीक ठाक से बंद किया गया था। लेकिन स्थानीय ग्रामीणों द्वारा नाले के पानी को काट दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टूट गये बांधों को तत्काल ठीक करा दिया जायेगा।