फर्रुखाबाद: विकासखण्ड अमृतपुर क्षेत्र के मौजा सबलपुर के ग्राम रामपुर में रहने वाले बाढ़ पीड़ितों को प्रशासन की लापरवाही व भ्रष्टाचार का दंश झेलना पड़ रहा है। बीते वर्षों में बाढ़ का दंश झेलने के बाद दूसरे गांवों में जाकर बस जाने के बाद प्रशासन ने उनकी तरफ मुहं घुमाकर दोबारा नहीं देखा और बाढ़ पीड़ित आज भी झोपड़ी इत्यादि डालकर गुजर बसर करने को मजबूर हैं। रामपुर के लगभग दो दर्जन ग्रामीणों ने मुख्यालय पहुंचकर इस सम्बंध में एडीएम को ज्ञापन सौंपा है।
जिसमें ग्रामीणों ने कहा है कि वह लोग मौजा सबलपुर, तहसील अमृतपुर जिला फर्रुखाबाद के रहने वाले और अब ग्राम सभा रामपुर में रहे हैं। मौजा सबलपुर सन 1932 में कटान के कारण दो तिहाई लोग रामपुर में बस गये। एक तिहाई लोग ग्रामसभा कंचनपुर में बस गये। दोनो ग्रामसभा आपस में मिले हुए हैं। कोई शीमा रेखा नहीं है। सन 1371 में फसली जमीन का बंदोबस्त हुआ था। राजनीतिक दबाव में सबलपुर कराबाद की जमीन ग्रामसभा कंचनपुर में जोड़ दी गयी। लोगों को 174 पट्टे दे दिये गये। जबकि रामपुर के लोगों को यह कहकर पट्टा नहीं दिया गया कि तुम्हारी ग्रामसभा अलग हे। जबकि 500 एकड़ जमीन छूटी पड़ी है।
अनिल कुमार पाण्डेय, प्रदीप, महेश पाल, रामनिवास, भगवानदीन, महावीर, रामेश्वर राजपूत, इन्द्रजीत, राजू, संतेाष, विजय कुमार, बृजकिशोर, ऋषीपाल आदि मौजूद रहे।