कुंभ सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के लिये गिनीज बुक ऑफ वर्ड रिकार्ड में दर्ज है। 2001 में यहां पर लगभग चार करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगायी थी। इस बार श्रृद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ ही इतिहास को दोहराने की कोशिशे जारी हैं। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में कुंभ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। कुंभ में इस बार संगम में करोड़ों लोगों के शामिल होने की संभावना है। यहां संतों का आना शुरू हो चुका है। मजे की बात है कि विश्व के इस सबसे बड़े धार्मकि आयोजन के लिये न तो कोई प्रचार प्रसार किया जाता है और न ही इसमें भाग लेने के लिये कोई निमंत्रण पत्र भेजा जाता है।
अगले वर्ष 14 जनवरी से 10 मार्च तक चलने वाले विश्व के इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के विषय में मान्यता है कि कुंभ के दौरान संगम में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। 2001 में हुए महाकुंभ में चार करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया था जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स ने सबसे बड़ा जन समूह माना।
विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के रूप में विख्यात ‘प्रयाग कुंभ’ मेला, साधु-संतों, आचार्यों-धमार्चार्यों और नागा संन्यासियों के अखाड़े भी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। राशियों के गणना चक्र के अनुसार माघ मास में गंगा-यमुना और सरस्वती के संगम तट पर आयोजन होगा। कुंभ मेले में नागा संन्यासियों का शाही स्नान सदैव से आकर्षण का केन्द्र बिन्दु रहता है।
संगम पर बनने वाले अस्थायी पुलों की संख्या 18 कर दी है। कुंभ मेले के दौरान राजधानी से इलाहाबाद के लिए 135 बसें संचालित की जाएंगी। रेलवे ने भीड़ को देखते हुए 9 ट्रेनों में कोचों की संख्या में भी वृद्धि करेगा।