फर्रुखाबाद: सदर तहसील में हुए तहसील दिवस में मंगलवार को जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी बी के पहुंचने से फरियादियों की भले ही भीड़ उमड़ी लेकिन तहसील दिवस में मात्र 4 शिकायतों का ही त्वरित निस्तारण किया जा सका। जिलाधिकारी के भय से विभागीय अधिकारी तो आये लेकिन समस्याओं को दाव पेंच में फंसाकर किसी भी समस्या का त्वरित निस्तारण करने से कन्नी काटते दिखे। वहीं कई अधिकारी तो तहसील दिवस में ही नींद लेते हुए मीडिया के कैमरों में कैद हो गये।
तहसील दिवस जिसमें यह माना जाता था कि यदि शिकायत कर दे ंतो जनता को हर संभव न्याय मिलना तय है। वहीं यदि तहसील दिवस में तेज तर्रार जिलाधिकारी पहुंच जायें तब तो कोई शिकायत निस्तारित होने से बच ही नहीं सकती। लेकिन जनता का यह भरोसा उस समय टूटता दिखायी दिया जब तहसील दिवस में आने वाली 191 शिकायतों में मात्र 4 का ही मौके पर निस्तारण किया गया। जिससे जनता को त्वरित न्याय मिलने का सपना टूटता दिखायी दे रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा समस्त आन लाइन योजनाओं व तहसील दिवसों की आन लाइन समीक्षा बैठकें किये जाने के बाद भी जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई असर पड़ता नहीं दिखायी दे रहा है। अधिकांश शिकायती पत्रों को गलत तरीके से निस्तारित दिखाकर समस्याओं की इति श्री की जा रही है। यदि यही हाल रहा तो आने वाले समय में जनता का इन तहसील व थाना दिवसों से भरोसा उठना तय है।
वहीं अभी तक यह माना जा रहा था कि जिस तहसील दिवस में जनपद के तेज तर्रार जिलाधिकारी पहुंचेंगे उसमें उन्हें न्याय मिलना तय है। लेकिन यहां तो जिलाधिकारी का भी अधिकारियों को भय नजर नहीं आया। पीड़ितों की समस्याओं को कानूनी पेंच समझाकर उन्हें पेन्डिंग में डाल दिया गया। सदर तहसील में आयीं 191 शिकायतों में से मात्र चार का ही मौके पर निस्तारण किया गया। वहीं कई अधिकारी तो तहसील दिवस में ही नींद मारते हुए जेएनआई के कैमरे में कैद किये गये। जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि नींद लेने वाले अधिकारी तहसील दिवस व जनता की समस्याओं के निस्तारण के लिए कितने गंभीर हैं या लापरवाह हैं।