एसपी के आदेशों का मखौल: वर्दीधारी ही घूम रहे बिना हेलमेट

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फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से एक नवम्बर से बिना हेलमेट पेट्रोल न देने के फरमान जारी किये थे। जिसके लिए प्रत्येक जनपद के पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी थी कि कानून का कड़ाई से पालन कराया जाये। लेकिन यहां तो कानून का पालन कराने वाली यातायात पुलिस खुद ही बिना हेलमेट के बाइकों से फर्राटे भर रहे हैं। पेट्रोल पम्पों पर आज तक हेलमेट के बारे में पूछने तक की अधिकारियों ने जहमत नहीं उठायी। जिससे आये दिन दुपहिया वाहन सवार दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं।

प्रदेश में पुलिस की भूमिका जहां पर भी है वह भ्रष्टतम भ्रष्ट होती जा रही है। चाहे वह चोरी, लूट, हत्या, ठगी इत्यादि अपराधिक मामलों में हो या शांति व्यवस्था बनाये रखने में हो या फिर सरकार द्वारा दिये जाने वाले फरमानों को मनवाने की बात आये तो पुलिस कर्मी जेब गरम होते ही सरकार के फरमानों पर पानी फेरते नजर आते हैं। ऐसा ही लग रहा है अब सरकार के एक और आदेश का पालन न कराकर पुलिस खुद ही उसका मजाक बनाये हुए है। जनपद में 90 प्रतिशत बाइक सवार बिना हेलमेट फर्राटा भर रहे हैं। बिना किसी रोक टोक के बाइक सवार पुलिस के आंखों की नजरों से गुजर जाते हैं और पुलिस आंखों पर पट्टी बांधकर देखती रहती है।

हद तो तब हो गयी जब पुलिस कर्मियों को ही बाइक पर बिना हेलमेट फर्राटे भरते देखा गया। अब कानून को दूसरों को समझाने वाले स्वयं ही जब उसका पालन नहीं करेंगे तो जनता इतनी भोली कहां है जो इस तरह पुलिस की मान जाये। पुलिस द्वारा भले ही तिराहे चौराहों पर खड़े होकर प्रति दिन चेकिंग अभियान चलाया जाता हो और यह भी वही जाने इस चेकिंग अभियान में पुलिसकर्मी क्या चेक करते हैं। कि अधिकांश लोग बिना हेलमेट के ही आराम से फर्राटा भर रहे हैं। जिन पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।

बीते दिनों पुलिस अधीक्षक नीलाब्जा चौधरी ने भी जनपद पुलिस को फरमान जारी किया था कि बिना हेलमेट बाइक सवारों का तत्काल चालान किया जाये। लेकिन पुलिस ने अभी तक एसपी के आदेश को भी कारगर साबित नहीं कर पाया है। अब पुलिस के सामने क्या मजबूरी है यह तो वही जाने लेकिन सरकार की एक और फरमान पर पुलिस ने पानी फेर दिया, यह साफ दिखायी दे रहा है।