फर्रुखाबाद: तहसील दिवस में एडीएम को लोकवाणी केन्द्रों के संचालको ने तहसीलदार के नियम विरुद्ध काम कराने को लेकर शिकायत की| एडीएम ने लोकवाणी केन्द्रों की समस्या हल करने के निर्देश तहसीलदार को दिए मगर तहसीलदार तो जैसे हत्थे से ही उखड गए| बोले मैं जो कहता हूँ वहीँ सही है, वही कानून और नियम है| लोकवाणी केन्द्रों के संचालको ने तहसीलदार द्वारा जारी मौखिक आदेश को लिखित में देने को कहा तो तहसीलदार बगले झाँकने लगे| ऑनलाइन आवेदनों के प्रिंट निकाल हर रोज नियम से तहसील पहुचाने के तहसीलदार के नियमविरुद्ध आदेश को लोकवाणी केन्द्रों ने मानने से इनकार कर दिया| संचालको ने मामले को जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुचाने के लिए देर शाम एक बैठक भी की|
पिछले महीने 11/12 सितम्बर को बिना बड़े अधिकारिओं को संज्ञान में लिए तहसीलदार सदर राजेंद्र प्रसाद चौधरी में लोकवाणी संचालको की एक बैठक तहसील सभागार में बुलाई और संचालको को एक तरह से फतवा जारी कर दिया कि अगर ऑनलाइन आवेदनों के प्रिंट निकाल कर नियम से हर रोज तहसील नहीं पहुचाओगे तो प्रमाण पत्र निर्गत नहीं होंगे| कुछ लोकवाणी केन्द्रों के संचालको (जिन्हें इस कागज रहित व्यवस्था की जानकारी नहीं थी) ने तहसीलदार के आदेश को बिना किसी तर्क के किसी राजा के आदेश की तरह माना और इसका पालन करना शुरू कर दिया मगर अधिकांश ने बैठक के अंत में प्रिंट तहसील पहुचाने के लिए मना कर दिया|
राजस्व विभाग के उपसचिव मधु द्वारा वर्ष 2010 में जारी ऑनलाइन प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में आय, निवास और जात के प्रमाण पत्रों के आवेदनों से सम्बन्धित लोकवाणी/जनसुविधा केन्द्रों को कोई भी कागज तहसील या अन्य दफ्तर नहीं पहुचाना है| केवल इलेक्ट्रोनिक यानि इ-फोर्म भरना है| जो सीधा सम्बधित अधिकारी/विभाग तक पहुच जाता है| सम्बन्धित संलग्नक प्रमाण पत्र स्कैन करके अपलोड कर दिए जाए है| सम्बन्धित अधिकारी और विभाग इसके सत्यापन के लिए जरुरत पड़ने पर इसका प्रिंट निकलता है| लोकवाणी केंद्र इ-फार्म आवेदन भरने के बाद प्रिंट निकलेगा और आवेदक के हस्ताक्षर कराने के बाद अपने पास रखेगा| मगर तहसीलदार सदर इस पूरे सिस्टम में अपने चमड़े का सिक्का चलाने पर अमादा है| वे कहते तो है कि प्रक्रिया में जन सुविधा केन्द्रों को अपने केंद्र पर आये आवेदन जमा कराने है मगर ऐसा कोई सरकार का आदेश दिखाने या जारी करने में उन्हें मुश्किल हो रही है| जाहिर है कि एक बड़ी कमाई का सेटअप हाथ से निकलते देख तहसील के सभी कर्मी और अफसर एक सुर में लोकवाणी जन सुविधा केन्द्रों का उत्पीडन करने पर उतर आये है|
मौके पर मौजूद एडीएम ने तहसीलदार को 20 दिन से ज्यादा हो चुके आवेदनों को तुरंत निस्तारित करने के निर्देश दिए| वहीँ वे खुद भी लोकवाणी केन्द्रों के संचालको को पुराने हो चुके आवेदको के प्रमाण पत्र मनुअल जारी करने की सलाह देते नजर आये| इस बात को लेकर भी केन्द्रों के संचालको ने आरोप लगाया कि तहसील कर्मी और अफसर मनुअल प्रमाण पत्रों पर जोर इसलिए देते हैं ताकि आवेदको से गाहे बगाहे घूस वसूली जा सके| वैसे इस मामले में अब पेच फस गया हा| क्यूंकि पिछले महीने की 11 तारीख से लेकर 30 तारीख तक तहसील में सत्यापन के लिए प्रिंट निकलने का काम तहसीलदार बंद करा चुके है| ऐसे में सवाल ये है कि 11 से 30 तारीख तक के आवेदन कैसे निस्तारित हो पाएंगे|
देर शाम लोकवाणी केन्द्रों के संचालको ने बैठक कर पहले जिलाधिकारी और फिर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक बात पहुचाने के लिए प्रारूप किया| बैठक में आवेदनों की संख्या कम होने की वजह और घूसखोरी पर लगाम लगाने के लिए मनुअल प्रमाण पत्रों को तत्काल बंद करने की भी बात उठी| बैठक में फतेहगढ़ के 5 व् फर्रुखाबाद के ८ लोकवाणी संचालक मौजूद रहे|