फर्रुखाबाद: पाठाको! तैयार रहिये, पुलिस किसी फर्जी खुलासे की तैयारी में लग रही है। एक दो दिन में ही किसी पूर्व नियोजित प्रेस कांफ्रेस में कई संशोधनों के बाद बनने वाले एक प्रेसनोट के वितरण की कवायद पूर्ण कर ली जायेगी। पुलिस अधिकारियों के मुस्कुराते चेहरों के बीच कई दिनों से लापता चल रहे युवकों के अतिरिक्त एक बाइक के भी इस कहानी में बरामद होने की आशंका है। भगवान करे यह सब गलत निकले, परंतु कई बार हमारी आशंकाये सही निकलती हैं, इसलिये हमने सोचा कि आपको अवगत ही करादें ।
हुया यूं कि घटियाघाट चौकी के कुछ सिपाही चोरी की बाइक मिलने की सूचना पर पुरानी घटियाघाट स्थित एक व्यक्ति के घर आ धमके। पुलिस ने बाकायदा उस व्यक्ति के घर बैठकर चाय नाश्ता किया और चुपचाप दबे पैर हीरो हाण्डा पैशन बाइक संख्या यूपी 32/एएम 8967 लेकर वापस आ गये और घटियाघाट चौकी पर वह बाइक एसओजी टीम को सौंप दी गयी। लेकिन जब इस बावत चौकी इंचार्ज इनाम सिंह यादव से पूछताछ की गयी तो चौकी इंचार्ज ने पहले हड़बड़ाहट में बाइक के मिलने की पुष्टि से भी इंकार कर दिया। इसके बाद जब उन्हें बाइक का नम्बर याद दिलाया गया तो दिमाग पर जोर डालते हुए काफी सधी जुबान में बोल गये कि बाइक बरामद हुई है। लेकिन यह पूछे जाने पर कि बाइक आखिर है कहां तो उन्होंने यह बात पूछकर बताने की बात कही और बाइक जिसके घर पर बरामद हुई उसे क्यों छोड़ दिया इस बात का जबाव भी दरोगा जी नहीं दे पाये। फिलहाल पुलिस बाइक को कहां ले गयी इस सम्बंध में कोई जानकारी नहीं दी गयी। जिस घर से बाइक बरामद हुई उसके किसी व्यक्ति को पुलिस ने छुआ तक नहीं। स्थानीय लोगों के अनुसार इस बाइक का घटियाघाट चौकी पर लगातार आना जाना था। कुछ दिन पहले तक इस पर दिल्ली की नंबर प्लेट लगी देखी जाती रही है।
घटियाघाट चौकी इंचार्ज इनाम सिंह यादव ने इस बात की पुष्टि की कि बरामद बाइक की सूचना शहर कोतवाल विजय बहादुर सिंह को दे दी गयी है। इस सम्बंध में फर्रुखाबाद कोतवाल से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका सरकारी मोबाइल स्विचआफ मिला।
घटना स्थल पर ही एक दरोगा का पुत्र कई बार वाहन चोरी में पकड़कर छोड़ा गया
पुलिस व चोरों का यह खेल कोई नया नहीं है। क्योंकि जिस जगह पर पुलिस ने बाइक उठायी व आरोपी को छोड़ा वहां इससे पहले एक कथित दरोगा के पुत्र को कई बार चार पहिए व दो पहिया वाहन के चोरी के आरोप में पड़कर पुलिस ने विभागीय मामला होने की बजह से ले दे कर निबटा दिया था। उसी जगह पर पुलिस को यह बाइक लेकर मूक बनकर वापस आना पुन: शक के घेरे में खड़ा कर रहा है। विदित है कि यह दरोगा काफी समय तक थाना कमालगंज की शोभा रहे हैं। कमालगंज के सर्राफ की लूट का एक मामला अभी लंबित चल रहा है। व्यापारी संगठन इस लूट कांड के खुलासे के लिये पुलिस पर दबाव बनाये हैं।
बताते चलें कि बीते कुछ समय पूर्व पुलिस कप्तान के एक कार्यक्रम में मौजूद होने के बावजूद कार्यक्रम स्थल के बाहर लोहाई रोड से एक टीवी चैनल के पत्रकार की बाइक पुलिस की मौजूदगी में चोरी हो गयी थी। चौंकाने वाली बात यह है कि जब पुलिस पर मीडिया का दबाव बढ़ गया तो चोरों द्वारा बाइक को कुछ घंटों के अंदर ही रात में पत्रकार के घर के सामने खड़ा कर दिया गया। यह वाकया और क्या दर्शाता है। यह बताने का प्रश्न नहीं।