फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी के सख्त निर्देश के बावजूद भी उनके आदेश को ताक पर रखकर चौकी इंचार्ज की सह पर घटियाघाट पर बालू खनन का अवैध धंधा बखूबी फल फूल रहा है। वाकायदा बालू माफिया बालू को नावों में भरकर गंगा के किनारे लाते हैं और वहां से भैंसागाड़ी में भरकर बालू शहर में जरूरतमंदों को अच्छे दामों में बेची जाती है। प्रति दिन कम से 50 से 60 डल्लफ अवैध खनन किया जाता है जिनसे प्रति डल्लफ 50 रुपये लेकर लगभग एक लाख रुपये से अधिक की वसूली प्रति माह घटियाघाट चौकी के अन्तर्गत पुलिस कर रही है।
एक तरफ प्रशासन द्वारा रोकी गयी बालू खनन ने जहां बालू माफियाओं की चांदी कर दी है वहीं दूसरी तरफ सम्बंधित चौकियों पर भी वारे न्यारे चल रहे हैं। नाव से आने वाली बालू भैंसागाड़ी पर लादकर जिस चौकी के सामने से निकलती है वहां पहले से ही मौजूद पुलिसकर्मी के हाथ डल्लफ लाने वाला व्यक्ति गर्म कर देता है और इस तरह बखूबी बालू का खनन जारी है। आंकड़ों के अनुसार सिर्फ भैंसागाड़ी को ही जोड़े ंतो प्रति दिन तकरीबन 50 से 60 डल्लफ बालू के चौकी से होकर गुजरते हैं। जहां उन्हें मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी को 50 रुपये देने होते हैं। इस तरह प्रति दिन तकरीबन 2500 से 3000 रुपये तक की वसूली की जाती है। जो महीने में लगभग एक लाख से अधिक की रकम बैठती है। यह आंकड़े एक चौकी मात्र के हैं। ऐसा ही हाल कमालगंज, कायमगंज, कंपिल आदि का भी है।
मजे की बात तो यह है कि चौकी इंचार्ज से लेकर अन्य पुलिसकर्मी सभी का हिस्सा समय पर पहुंच जाने से कोई बालू खनन को लेकर उफ कहने को तैयार नहीं है। एक तरफ जिलाधिकारी मुथुकुमार ने बालू खनन पर रोक लगा रखी है जो उनकी नजर में अभी भी बंद है। लेकिन बालू खनन न होने के आदेश को बालू माफिया कैश करा रहे हैं। जिससे उन्होंने जरूरतमंद बालू खरीददारों को रेट भी बढ़ा दिये हैं। फिलहाल इस पर अंकुश लगता नहीं दिख रहा है।