दो दर्जन श्रोता भी न जुट सके राज भाषा हिन्दी पर आयोजित गोष्ठी में

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फर्रुखाबाद: लोहाई रोड पर एक इंटर कालेज में अभिव्यंजना की तरफ से राज भाषा हिन्दी सप्ताह एवं स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने हिन्दी भाषा से जुड़े अपने-अपने विचार व्यक्त किये। राज भाषा पर आयोजित गोष्ठी में बमुश्किल दो दर्जन श्रोता भी न जुट सके।

अभिव्यंजना साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था हिन्दी विषय को लेकर काफी कार्य कर रही है। जिसके तहत आयोजित हुई गोष्ठी में वक्ताओं ने हिन्दी भाषा को प्रमुखता देने की बात के साथ-साथ अपने विचारों का आदान प्रदान किया। वक्ताओं ने कहा कि हिन्दी हमारी मात्र भाषा है। जिसे हम लोगों को नहीं भूलना चाहिए। जहां तक हो हिन्दी में ही बोलें और लिखें। वक्ताओं ने अपने अपने तरीके से हिन्दी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात स्वामी विवेकानंद के जीवन पर भी वक्ताओं ने विचार रखे।

गोष्ठी में भाग लेने पहुंचे विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता डा0 ब्रहमदत्त अवस्थी ने कहा कि आज विदेशी भाषा के आगे हमारी राष्ट्र भाषा का पतन होता जा रहा है। जिसे हमें खुद ही सुधारना होगा। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े कार्यालयों में लिखा होता है कि कृपया हिन्दी में ही कार्य करें लेकिन इसके बावजूद भी खुद वहीं के कर्मचारी अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते हैं। डा0 ब्रहमदत्त अवस्थी ने अन्य कई महत्वपूर्ण सुझाव भी अभिव्यंजना को दिये। व्यापारी नेता अरुण प्रकाश तिवारी ने भी हिन्दी भाषा को लेकर अपने विचार रखे।

इस दौरान फर्रुखाबाद के प्रसिद्ध कवि ओमप्रकाश मिश्र कंचन, एडवोकेट जवाहर सिंह गंगवार, कार्यक्रम के संयोजक उपकार मणि, निमिष टण्डन के अलावा समन्वयक डा0 राजकुमार सिंह आदि लोग मौजूद रहे।