मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार के छह महीने का कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेश के किसानों को नहरों और राजकीय नलकूपों से सिंचाई के लिए मुफ्त पानी की सौगात दी है। यह व्यवस्था पहली अप्रैल 2012 से लागू की गई है।
समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों से यह वादा किया था जिसे उनकी सरकार आज पूरा कर रही है। बकौल मुख्यमंत्री आर्थिक संकट को पीछे छोड़ते हुए सपा सरकार ने प्रदेश को हर क्षेत्र में आगे ले जाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने एक नई कार्यसंस्कृति विकसित की। शासन के बंद दरवाजे जनता के लिए खोले, लोगों की समस्याओं का निराकरण किया। मायावती सरकार के कार्यकाल में तो मुख्यमंत्री आवास के दरवाजे जनता के लिए बंद रहे, शासन के आला अफसर भी यहां जूते उतारकर ही दाखिल हो पाते थे। उनके नेतृत्व में सत्तारूढ़ हुई सपा सरकार प्रदेश की पहली ऐसी सरकार है जिसने जनता से किये गए चुनावी वादों को अमली जामा पहनाने का काम शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए कई फैसले लिये गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति सुधारने के लिए फीडर को अलग करने की कवायद शुरू हो गई है। जल्द ही प्रदेश में बड़े पैमाने पर बिजली उपकेंद्रों का निर्माण शुरू होगा। लोगों को त्वरित स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए प्रदेश के हर ब्लॉक में एंबुलेंस होंगी। बेरोजगारी भत्ता बंटना शुरू हो गया है। सरकार रोजगार के अवसर भी बढ़ायेगी।
मुख्यमंत्री के मुताबिक नई औद्योगिक नीति बनाकर सरकार ने उद्योगपतियों को सकारात्मक संकेत दिया है। सरकार उद्यमियों को हरसंभव सहूलियत देगी ताकि न सिर्फ प्रदेश से उद्योगों का पलायन रुके बल्कि प्रदेश में बाहर से निवेश भी आकर्षित हो। सपा सरकार ने गन्ना किसानों का बकाया भुगतान किया है।