फर्रुखाबाद: रोशनाबाद ग्रामीण बैंक में हुई दिन दहाड़े लूट की घटना के खुलासे के नाम पर पुलिस ने अभी मात्र दो लाख की ही बरामदगी दिखाकर अपनी पीठ खुद ही थपथपा ली। लेकिन अभी बचे हुए 8 लाख रुपये व अन्य फरार अपराधियों की तलाश के नाम पर पुलिस ने क्षेत्र में जांच के नाम पर करेंट एकांउट खोल रखा है। अक्सर क्षेत्रीय लोगों को पकड़कर पुलिस उन्हें जेब गरम कर छोड़ देती है। लेकिन अभी खुलासा मूल रूप से नहीं हो पा रहा है।
बताते चलें कि 13 अगस्त को लगभग 11.30 बजे 3 बाइकों पर सवार हो कर आर्यावृत ग्रामीण बैंक की रोशनाबाद शाखा में 8 सशस्त्र बदमाश बड़े आराम से अंदर घुसकर शाखा प्रबंधक श्याम प्रकाश शुक्ला व एक कैशियर पर तमंचा लगाकर दिन दहाड़े लूट कर ली गयी थी। जहां एक लुटेरे ने बैंक शाखा प्रबंधक को कैश-चेस्ट खोलने के आदेश दिये। दूसरे बदमाश ने अलमारी मे रखें कुल 10 लाख 86 हजार 652 रुपये की गड्डियां अपने साल लाये बैगों में भरकर ले गये थे। घटना की सूचना पर पुलिस अधीक्षक नीलाब्जा चौधरी भारी पुलिस फोर्स के साथ घटना स्थल पर पहुंचे थे। इतना ही नहीं डी आई जी ने स्वयं आर्यावर्त ग्रामीण बैंक रोशनाबाद का निरीक्षण किया था। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक नीलाब्जा चौधरी ने घटना की जांच क्षेत्राधिकारी नगर को दी थी। जिसमें अब तक पुलिस ने मात्र 2 लाख रुपये बरामद कर चार लोगों को घटना के सम्बंध में गिरफ्तार कर जेल भेज कर ही मामले की इति श्री कर दी।
वहीं रोशनाबाद बैंक लूट क्षेत्रीय ग्रामीणों के लिए अभी भी सिर दर्द बनी हुई है। शमशाबाद थाना पुलिस जिसे चाहे उसे लूट के बारे में पूछताछ के बहाने थाने ले आती है और उसके बाद जेब गरम करके छोड दिये जाते हैं। शमशाबाद पुलिस के लिए करंट एकाउंट बनी बैंक लूट कमाई का अच्छा जरिया बन गयी है। जिसके चलते आये दिन ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है। रविवार को भी पुलिस ने कुछ ग्रामीणों को दबोच लिया और उनसे पूछताछ की। लेकिन बाद में उन्हें चलता कर दिया।
इस बात को स्वीकारते हुए शमशाबाद थानाध्यक्ष डी के सिसोदिया ने यह बात तो स्वीकारी कि उन्होंने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ा था, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। थानाध्यक्ष के अनुसार पकड़े गये आरोपियों की निशानदेही पर ग्रामीणों को पूछताछ के लिए उठाया जा रहा है।