फर्रुखाबाद: सरकारी दफ्तरों में जनता को होने वाली परेशानी सरकारी अफसरों और बाबुओं की मिलीभगत और निक्कमेपन का परिणाम हैं| सेवायोजन कार्यालय में बेरोजगारों का ऑनलाइन पंजीकरण शुरू करने के लिए मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का आदेश जिलाधिकारी, मंडलायुक्त और हर जिले के सेवायोजन कार्यालय को 16 मई 2012 को भेजा गया| इसके बाद माह जुलाई में कम से कम दो बार इस काम को शुरू करने के लिए मुख्या सचिव के पत्र भेजे गए मगर हाल ये है की आज तक जिला सेवायोजन अधिकारी ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर तक नहीं ले पाए| सरकारी योजनाओ पर बाबू और अफसर ऐसे कुंडली मार कर बैठना चाहते हैं जैसे उनकी निजी मिलकियत लुटने वाली है| अगर सेवायोजन कार्यालय में होने वाले पंजीकरण ऑनलाइन शुरू हो जाते तो लोकवाणी /जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से आम जनता कहीं भी पंजीकरण करवा सकती थी| ऐसे में आम जनता और बेरोजगारों को सेवायोजन कार्यालय में न धक्के खाने पड़ते न मुख्यालय तक दौड़ना पड़ता क्यूंकि लोकवाणी/जन सेवा केंद्र गाँव गाँव खुल चुके है| आम जनता को जो सुविधा मिलनी चाहिए थी उसके लिए उसे दलालों के चक्कर में पड़ना पड़ रहा और सेवायोजन दफ्तर के बाहर उमड़ी भीड़ में रस्साकसी करनी पड़ी| इनसब के लिए जिला सेवायोजन अधिकारी ही असल में जिम्मेदार है|
एन आई सी के जिला विज्ञानं एंड सूचना अधिकारी अनुराग जेन के मुताबिक कुछ दिनों पहले ही जिला सेवायोजन अधिकारी ने डिजिटल हस्ताक्षर के लिए आवेदन किया है| लोकवाणी के माध्यम से शुरू होने वाली 27 सेवाओं में से केवल 4 सेवा ही शुरू हो पायी है|
यही हाल नगर पालिका और नगर पंचायतो में ऑनलाइन जन्म म्रत्यु प्रमाण पत्र का है| नगर पालिका में अभी तक ऑनलाइन जन्म म्रत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का सोचा तक नहीं जबकि नगर स्वास्थ्य अधिकारी को डिगिटल हस्ताक्षर से ये प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी करने है|
समाज कल्याण अधिकारी और पंचायती राज अधिकारी का भी यही हाल है| कुल मिलकर अधिकारी और बाबु इस ऑनलाइन योजना को कामयाब नहीं होने देना चाहते| आम जनता जिसको ऑनलाइन व्यवस्था से बहुत राहत मिली है सभी 27 सेवाओं को लेने के लिए सरकारी दफ्तर की जगह लोकवाणी/ जन सेवा केन्द्रों में जाना चाहता है|