गंगा खतरे के निशान से मात्र 20 सेमी दूर, कई ग्रामों का संपर्क टूटा

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फर्रुखाबाद: बीते लगभग एक माह से नरौरा बांध से गंगा में लगातार छोड़े जा रहे पानी से तटवर्ती ग्रामों के लोग तबाही के कगार पर पहुंच चुके हैं। लगातार बढ़ रहा गंगा का जल स्तर गुरुवार को 136.90 मीटर पर पहुंच गया। वहीं रामगंगा का जल स्तर 134.50 मीटर पर पहुंच चुका है। गंगा में 136289 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से अभी गंगा के जल स्तर में और अधिक वृद्वि होने के आसार जताये जा रहे हैं। वहीं तटवर्ती गांव जलमग्न हो चुके हैं, जिससे ग्रामीणों का जीवन तबाह हो चुका है लोग अपने घरों को छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं। शमशाबाद के कई गांवों में ग्रामीणों ने पक्के मकानों की ईंटें निकालनी शुरू कर दीं। कई लोगों के खाना बनाने तक को जगह नहीं बची है। वहीं प्रशासन की तरफ से मदद देने के नाम पर कन्ट्रोल रूम तक के फोन नम्बरों को बंद कर लिया गया है।

राजेपुर क्षेत्र के ग्राम रामपुर जोगराजपुर, गौटिया, आशा की मढैया, कुशमापुर के अलावा लगभग दो दर्जन गांवों में पानी भर चुका है। वहीं कमालगंज क्षेत्र के ग्राम भोजपुर आधा कट चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव नहीं बचेगा। वहीं भोजपुर के अलावा भी कई ग्राम गंगा के कटान के मुहाने पर हैं। कायमगंज क्षेत्र के ग्राम गन्डुआ, अकाखेड़ा सहित कई ग्रामों में बाढ़ का पानी घरों में घुस चुका है।

बाढ़ के पानी के पानी से अकाखेडा पुलिस चौकी भी चारो तरफ पानी से घिर गयी है। सरकारी प्राथमिक व जू0हा0 स्कूल भी बाढ़ के पानी से घिर गये हैं। जिससे बच्चों का स्कूल तक जाना असंभव हो गया है। गांव दोषपुर, बुनियादपुर, छतरई, खजुरिया, अलीगढ़ आदि गांवों में भी प्राथमिक स्कूलों में भी पानी भरा हुआ है।

बाढ़ प्रभावित गांव अलीगढ़, खजुरिया, कुंआखेड़ा तथा अहमदगंज को जोड़ने वाले मार्ग के ऊपर बाढ़ का पानी बहने लगा है। जिससे कायमगंज एवं अन्य स्थानों से सम्पर्क धीरे धीरे समाप्त होना शुरू हो गया है। क्योंकि इन गांवों में पानी लगातार भर रहा है। बाढ़ के कहर से बचने के लिए बाढ़पीड़ितों ने अपने परिजनों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर ले जाना शुरू कर दिया।

बाढ़ पीड़ित गांवों में पानी भरने से हैण्ड पम्प डूब से गये हैं। जिससे बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को शुद्ध पेय जल की समस्या उत्पन्न हो गयी है। इन लोगों का कहना है कि तहसील प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी केवल बाढ़ का पानी देखकर लौट जाते हैं।