डीएम की व्यक्तिगत मानीटरिंग से जनपद यूपी आनलाइन में चैंपियन

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फर्रुखाबाद: आय, जाति व मूल निवास प्रमाणपत्रों की नयी आनलाइन व्यवस्था में जिलाधिकारी के. मुथुकुमार स्वामी द्वारा स्वयं मानीटरिंग किये जाने के चलते जनपद की प्रगति प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। इसके बावजू नवीन व्यवस्था इतनी लोकप्रिय हो रही है कि तहसील स्तर पर आवेदनों का निस्तारण निर्धारित समय सीमा के भीतर नहीं हो पा रहा है।

विदित है कि प्रदेश स्तर पर आय, जाति व मूल निवास जैसे सामान्य प्रमाणपत्रों के लिये आनलाइन आवेदन की व्यवस्था लागू की गयी है। इसके लिये जनसुविधा केंद्र भी खोले गये हैं। राजस्व कर्मी व्यवस्था को अपने हाथ से फिसलते देख अभी योजना को फ्लाप करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। परंतु जिलाधिकारी के. मुथुकुमार स्वामी द्वारा योजना की चरणवार प्रगति की स्वयं समीक्षा किये जाने के कारण जनपद में अभी तक लगभग 26 हजार आवेदन ऑनलाइन हो चुके हैं। यह संख्या प्रदेश में गोंडा के 33 हजार के सापेक्ष भले ही दूसरे स्थान पर हो, परंतु अन्य जनपदों में जहां यह संख्या सैकड़ों में ही सिमटी है, यह प्रगति सराहनीय है।

इसके बावजूद जनपद में अभी प्रमाणपत्र जारी किये जाने की गति आवेदन की बाढ़ के आगे बौनी ही है। सोमवार को प्रमाण पत्र न बनने से परेशान छात्रों ने तहसील में हंगामा काटा। प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रातः 10 बजे से ही छात्र छात्राओं का तहसील परिसर में आना शुरू हो गया था। वे दोपहर तक इधर उधर तहसील के कमरों में चक्कर लगाते और बाबुओं से प्रमाण पत्रों के बनबाने के लिए अनुरोध करते रहे। मगर उनको कहीं जब सफलता नहीं मिली तो वे हंगामे पर उतर आये।

नये नियमों और व्यवस्था के छात्रों की परेशानी और प्रमाण पत्रों के बनबाने में आ रही बाधाओं का संज्ञान लेते हुए उपजिलाधिकारी कायमगंज ने आनलाइन व्यवस्था के अंतर्गत प्रमाण पत्र बनवाने में तेजी लाने के स्थान पर पुरान व्यवस्था को लागू कर एक बार फिर “लेखपालों” की मनमानी का रास्ता साफ कर दिया है। विदित है कि पुरानी व्यवस्था में जहां लेखपाल अभ्यर्थियों से मनमानी घूंस वसूलते थे, वहीं कुछ दलाल टाइप के लोगों की भी रोजी-रोटी का जुगाड़ होता रहता था।

उपजिलाधिकारी कायमगंज ने कहा है वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए कि अब कुछ दिन तक फिर तहसील में बाहर से फार्म लेकर पहले की तरह प्रमाण पत्र बनाये जायेंगे।