फर्रुखाबाद: शहर क्षेत्र के आवास विकास कालोनी में स्थित आर के हास्पिटल में सोमवार को फिर एक युवती की उपचार के दौरान मौत हो गयी। परिजनों का आरोप है कि युवती की मौत के बाद नर्सिंगहोम संचालक डा0 जेएम वर्मा ने छात्रा को कानपुर के लिए न केवल रेफर कर दिया वल्कि अपनी एम्बुलेंस उपलब्ध कराने के लिए 12 हजार रुपये नगद भी जमा करा लिये। परिजनों को बेटी की अस्पताल में ही मौत की भ्रनक लगते ही उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया। परिजनों के साथ अस्पताल कर्मियों द्वारा मारपीट किये जाने के बाद परिजनों ने अस्पताल में पथराव कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची।
आवास विकास स्थित आरके हास्पिटल आये दिन विवादों से घिरा रहता है। कई बार हास्पिटल पर मरीजों के मरने के बाद भी मरीजों को आईसीयू में भर्ती रखने या बाहर रेफर कर दिये जाने पर परिजनों द्वारा हंगामा करने की घटनायें हो चुकीं हैं। लेकिन इसके बावजूद भी हास्पिटल प्रशासन सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को जनपद कन्नौज के सौरिख क्षेत्र के नगला डउअन निवासी 20 वर्षीय छात्रा प्रियंका राजपूत पुत्री अरुणेश राजपूत की उपचार के दौरान मौत हो गयी।
मृत छात्रा के पिता अरुणेश ने बताया कि प्रियंका सौरिख के ही नरेन्द्र सिंह डिग्री कालेज माझगांव में बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थी। उसकी पुत्री की हालत जब ज्यादा खराब हो गयी तो उसे बीते शुक्रवार को प्रातः 11 बजे आवास विकास स्थित आर के हास्पिटल में भर्ती कराया गया। छात्रा के पिता के अनुसार उसकी पुत्री की ब्लड शुगर बढ़ी हुई थी। अस्पताल में लाते ही अस्पताल के चिकित्सक ने पुत्री को आईसीयू में भर्ती कर लिया और “वैंटीलेटर” पर रख दिया। पूछे जाने पर कि वैंटीलेटर कब तक लगा रहेगा। डाक्टर ने कहा कि शाम तक निकाल दिया जायेगा। लेकिन करीब चार दिन तक पुत्री को आईसीयू में भर्ती करने के बाद भी उसकी पुत्री को कोई फायदा नहीं हुआ। अरुणेश अपनी पुत्री को बार-बार रिफर करने के लिए कहता रहा लेकिन डाक्टर ने स्थिति नियंत्रण में बताते हुए उसे रिफर नहीं किया।
सोमवार को दोपहर बाद अरुणेश से डाक्टर ने कहा कि उसकी पुत्री की हालत ज्यादा गंभीर है और उसे रिफर कर दिया और अस्पताल से ही साढ़े 12 हजार रुपये की एम्बुलेंस भी उपलब्ध करा दी। लेकिन जब तक उसकी पुत्री एम्बुलेंस के अंदर लिटायी गयी तब परिजनों ने देखा कि प्रियंका की मौत हो चुकी थी। मौत की खबर सुनते ही परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा कर रहे मृतक प्रियंका के भाई बबलू के साथ अस्पताल कर्मियों ने मारपीट भी कर दी। सूचना मिलने पर आवास विकास चौकी इंचार्ज इन्द्रपाल सिंह, घोड़ा नखास चौकी इंचार्ज संतोषभारद्धाज और शहर कोतवाल विजय बहादुर सिंह भी मौके पर पहुंचे। चौकी इंचार्ज ने डाक्टर से बात की तो डाक्टर ने जबाब दिया कि सीधे-सीधे कानूनी कार्यवाही करवाइये। हम इसमें क्या कर सकते हैं। कोई भी डाक्टर मरीज को मार नहीं सकता।
इस सम्बंध में शहर कोतवाल विजय बहादुर सिंह ने बताया कि छात्रा के मरने की जानकारी हो गयी है। परिजनों की तहरीर पर डाक्टर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
छात्रा का पिता बोला अस्पताल नहीं यह कसाईखाना है
छात्रा प्रियंका के मरने की खबर सुनते ही उसके पिता अरुणेश का रो रो कर बुरा हाल था। अरुणेश बोला कि मैने अपनी बेटी की शादी की सारी तैयारियां कर लीं थीं। अब बेटी की शादी कैसे होगी। उसने अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह अस्पताल नहीं वल्कि कसाईखाना है। हमारे सामने ही अस्पताल में भर्ती होने से अब तक न जाने कितने लोगों की मौत हो चुकी है।