कायमगंज: बढ़े रहे जल स्तर से गंगा किनारे बसे गांवों के लोगों की रातों की नींद उड़ा रखी है। घरों में भरा बाढ़ का पानी उनके घरेलू सामान को बर्बाद कर रहा है। वहीं दूसरी ओर मंहगी खाद और पानी लगाकर उगायी गयी खरीफ की फसल भी नेस्तनाबूंत होती नजर आ रहीं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग तो दो चार दिन भूख सह सकते हैं। लेकिन बेचारे बेजुबान जानवरों की भूख और तड़प कैसे सहन कर सकेंगे। हरा चारा लाने के लिए हम लोग गहरे पानी में घुसकर अपनी जान जोखिम डालते हुए पशुओं के चारे का इंतजाम करना पड़ रहा है।
कायमगंज के गांव कुंआखेड़ा में घुसे बाढ़ के पानी के पानी से पुलिस चौकी भी चारो तरफ पानी से घिर गयी है। सरकारी प्राथमिक व जू0हा0 स्कूल भी बाढ़ के पानी से घिर गये हैं। जिससे बच्चों का स्कूल तक जाना असंभव हो गया है। गांव दोषपुर, बुनियादपुर, छतरई, खजुरिया, अलीगढ़ आदि गांवों में भी प्राथमिक स्कूलों में भी पानी भरा हुआ है।
बाढ़ प्रभावित गांव अलीगढ़, खजुरिया, कुंआखेड़ा तथा अहमदगंज को जोड़ने वाले मार्ग के ऊपर बाढ़ का पानी बहने लगा है। जिससे कायमगंज एवं अन्य स्थानों से सम्पर्क धीरे धीरे समाप्त होना शुरू हो गया है। क्योंकि इन गांवों में पानी लगातार भर रहा है। बाढ़ के कहर से बचने के लिए बाढ़पीड़ितों ने अपने परिजनों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर ले जाना शुरू कर दिया।
बाढ़ पीड़ित गांवों में पानी भरने से हैण्ड पम्प डूब से गये हैं। जिससे बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को शुद्ध पेय जल की समस्या उत्पन्न हो गयी है। इन लोगों का कहना है कि तहसील प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी केवल बाढ़ का पानी देखकर लौट जाते हैं।