सुप्रीम कोर्ट ने आज वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को राहत देते हुए 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री ए. राजा के साथ सहआरोपी बनाने की मांग खारिज कर दी। न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति एस.के. राधाकृष्णन की पीठ ने जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री आरोप साबित नहीं करती। देश की राजनीति काफी हद तक इस फैसले से जुड़ी हुई थी। संसद में जारी गतिरोध के बीच सरकार और चिदंबरम दोनों के लिए बड़ी राहत है। विपक्ष जिस तरीके से कोल ब्लॉक आवंटन और उस पर सीएजी की रिपोर्ट को लेकर सरकार पर हमलावर था वह इस फैसले के बाद कुछ हद तक कुंद हो सकती है।
स्वामी ने निचली अदालत के चार फरवरी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। निचली अदालत ने अपने आदेश में चिदंबरम को सहआरोपी बनाने और उनके खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग खारिज कर दी थी। जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रह्मयम स्वामी और गैर सरकारी संस्था सीपीआईएल ने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2जी स्पैक्ट्रम की नीलामी मामले में चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते ए राजा के साथ हुई मीटिंग को ही उनके सह-आरोपी होने का आधार नहीं माना जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को सबूत के तौर पर नाकाफी बताते हुए याचिका को खारिज कर दिया।