फर्रुखाबाद: अगर शहर में विद्युत तार मात्र 6-7 फुट की ऊंचाई पर झूल रहे हों तो यह विद्युत विभाग की लापरवाही नहीं बल्कि आपराधिक लापरवाही की श्रेणी में आयेगा। एसे मामलों में प्रशासन तो कार्रवाई के लिये किसी घटना का इंतिजार ही करता है। परंतु वास्तव में देखा जाये तो यह सीधे-सीधे सीधे हत्या का प्रयास का मामला है। बिल्कुल वैसे ही जैसे कोई आतंकवादी किसी सार्वजनिक स्थान पर बन लगा कर चला जाये, बिना इस बात की चिंता किये मरने वाला कौन होगा। परंतु आम आदमी के सामने समस्या यह है कि वह जाये तो कहां। चुनाव के समय जनप्रतिनिधि जनता से लुभावने वादे कर वोट तो ले लेते हैं परंतु जीतने के बाद जनता की समस्याओं को दरकिनार कर अगले चुनाव तक के लिए या तो घरों में दुबक जाते हैं या फिर दिल्ली, लखनऊ के लिए कूंच कर जाते हैं। इसी तरह फर्रुखाबाद की जनता को न जाते कितने जनप्रतिनिधियों ने विद्युत व्यवस्था के नाम पर ठगा है।
शहर के अधिकांश मोहल्लों में विद्युत लाइनें व पोल जर्जर हैं। कई मोहल्लों में तो ट्रांसफार्मर जमीन पर रखे हुए हैं। ऐसा ही हाल घटियाघाट चौराहे पर लगे बिजली ट्रांसफार्मर व जर्जर विद्युत लाइन का है। यहां पर विद्युत लाइन इतनी जर्जर हो चुकी है कि लोगों के सिर में छू जाती है। यहां पर खड़े होने वाले सवारियों से भरे टेम्पो में आये दिन विद्युत तार छू जाने की घटनायें होती रहती हैं। जिससे किसी भी दिन एक बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता। वहीं घटियाघाट चौकी का सिपाही टेंपो चालकों से 10 रुपये प्रति टेंपो लेकर सवारियों की जान की परवाह किये बिना जर्जर विद्युत लाइनों के नीचे ही टेंपो खड़े करने की खुली छूट देती है। जिससे भी सवारियों की जान को खतरा बना हुआ है।
विद्युत विभाग की इस लापरवाही से शहर के कई मोहल्लों के लोगों की जान खतरे में बनी हुई है। शहर के मोहल्ला राजीवगांधी नगर व अन्य कई मोहल्लों में लकड़ी के पोल लगाकर विद्युत लाइन गुजारी गयी है। जिससे बरसात के दिनों में बिजली उतरने का डर बना रहता है। जो भी हो जनपद के जनप्रतिनिधियों व विद्युत विभाग को लोगों की जान की कतई परवाह नहीं है इस बात की गवाह यहां की जर्जर विद्युत लाइन व खुले में रखे ट्रांसफार्मर खुद हैं।
2007 में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनी तो वादा किया था कि जनता को मूलभूत समस्याओं से हर हाल में निजात दिलायी जायेगी। लेकन बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने पूरे पांच साल मूर्तियां लगाने में गुजार दिये। अनंत कुमार मिश्रा द्वारा जनता से किये गये वादे अधूरे ही रह गये। विधानसभा चुनाव दोबारा हुआ तो इस बार समाजवादी पार्टी बहुमत से सरकार में आयी। परंतु वह भी आपसी अंतर्द्वंद व बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति से जूझ रही है। आम आमदी की समस्यायें जस की तस हैं। विधायक विजय सिंह निर्दलीय होने का रोना रो रहे हैं, तो दूसरी ओर सपाई मानो जनता से उनके प्रत्याशी को हराने का प्रतिशोध जनता से ले रहे हैं। कहने को तो जनपद से एक राज्यमंत्री भी हैं, नरेद्र सिंह यादव। परंतु उनको भी लखनऊ से छुट्टी कम ही मिलती है।