स्वतंत्रता दिवस पर रिहाई की आस: अधिकारियों का मुहं ताकते रह गये वृद्व कैदी

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फर्रुखाबाद: समाजवादी पार्टी की सरकार के आते आते नये जेल मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने 15 अगस्त को जेल में बंद सजा याफ्ता वृद्व कैदियों के रिहाई की घोषणा की थी। तब से लेकर आज तक जेल में बंद वृद्व कैदी 15 अगस्त के इंतजार में कलेंडर की तारीखों पर गोला बनाते रहे। लेकिन 15 अगस्त वाले दिन उनके मंसूबों पर पानी फिर गया। जब कई घंटे धूप में महज इस इंतजार में गुजर गये कि कुछ क्षणों बाद शायद वृद्व कैदी की रिहाई की घोषणा कर दी जाये तो वह लोग भी आजादी की सांस ले सकेंगे।

केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ सुबह से ही रंगरोगन करके टीपटाप कर दी गयी। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सभी अपनी-अपनी ड्रेसों में 15 अगस्त का कार्यक्रम मनाने के लिए कारागार के अंदर बनाये गये पान्डाल में पहुंच गये थे। वहीं दूसरी तरफ बैरकों में बंद वह वृद्व कैदी जिन्हें न आंखों से दिखायी देता है और न ठीक से सुनायी। बहुत से तो शायद ठीक से चल भी नहीं पाते। लेकिन आज 15 अगस्त के पर्व पर शायद उन्हें कुछ विशेष तोहफा मिलने जा रहा था। वह मन ही मन उस क्षण का इंतजार कर रहे थे कि कब सरकार द्वारा की गयी घोषणा के आधार पर उन्हें रिहाई दे दी जायेगी। जेल में लगे महापुरुषों की मूर्तियों का माल्यार्पण हुआ। अधिकारियों ने सलामी ली। अन्य कैदियों ने वाद्य यंत्रों पर देशभक्ति गीत गाये लेकिन उनमें से कई कैदी ऐसे थे जिन्हें तो बस इंतजार था अपनी रिहाई की घोषणा का।

समाजवादी पार्टी के कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने जेल मंत्री का पदभार ग्रहण करने से कुछ दिनों बाद ही घोषणा कर दी थी कि 60 साल की उम्र पूरी कर चुके कैदियोें को 15 अगस्त के दिन आजाद कर दिया जायेगा। उनकी इस घोषणा को संज्ञान में रखकर कार्यक्रम में बैठे कई वयोवृद्व कैदी कार्यक्रम के अंतिम क्षण तक अधिकारियों की तरफ टकटकी लगाये सिर्फ उनके मुहं से निकलने वाले दो शब्द ’अब तुम्हें रिहा किया जाता है’ को सुनने के लिए बेकरार थे। लेकिन उनके मंसूबों पर पानी फिर गया। कुछ समय बाद सुनने में आया कि जिले के मुखिया जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी बी कैदियों के बीच आने वाले हैं तो एक बार फिर कैदियों के अंदर नव चेतना का संचार हो गया। जिलाधिकारी के पहुंचते ही सभी जेल अधिकारी उनकी आवभगत में लग गये। जिलाधिकारी ने कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद तकरीबन 30 मिनट जेल में रुके फिर वापस चले गये लेकिन कैदी की रिहाई की कोई बात उन्होंने भी नहीं की तो जैसे वृद्व कैदी मन ही मन अपने आपको ही कोसने पर मजबूर हो गये।

इस सम्बंध में वरिष्ठ जेल अधीक्षक यादवेन्द्र शुक्ला ने बताया कि रिहाई के सम्बंध में अभी कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। यह प्रशासनिक मामला है। आदेश प्राप्त होने के बाद ही कैदियों की रिहाई पर अमल किया जायेगा।