फर्रुखाबाद: पूरा देश जहां 65वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या को पूरे हर्षोउल्लास के साथ मना रहा है। कई जगह तो सरकारी भवनों इत्यादि को दुल्हनों की तरह सजा दिया गया। लेकिन इसके बावजूद भी कहीं-कहीं स्वतंत्रता दिवस होने का पता तक नहीं चल पा रहा है। आज जहां शहर में अम्बेडकर प्रतिमा पूर्व की भांति जगमगा रही थी वहीं दूसरी तरफ कलेक्ट्रेट सभागार के बाहर बनी सुभाषचन्द्र बोस की प्रतिमा व आवास विकास में बनी डा0 राममनोहर लोहिया की मूर्ति पर अंधेरा ही नजर आया।
जिन्होंने देश के लिए न जाने कितने बलिदान दे डाले लेकिन प्रशासन उनकी सुधि भूल सा गया। जहां एक ओर सरकारी कार्यालयों में 15 अगस्त की तैयारियां तेजी पर हैं। कलेक्ट्रेट परिसर को दुल्हन की तरह सजा दिया गया। वहीं शहर के कई ऐसे चर्चित स्मारक हैं जहां पर देश के लिए बलिदान देने वालों की प्रतिमायें स्थापित हैं। लेकिन उन्हें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर उपेक्षित कर दिया गया। शहर के राममनोहर लोहिया, केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ में बने मणीन्द्रनाथ बनर्जी के शहीद स्मारक, जिलाधिकारी कार्यालय के सामने कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर बने सुभाषचन्द्र बोस की प्रतिमाओं पर अंधेरा ही नजर आया।
सूबे में समाजवादी पार्टी की सरकार होने के बावजूद भी आवास विकास लोहिया मूर्ति में किसी ने एक मोमबत्ती तक लगाना मुनासिब नहीं समझा। वहीं कई सरकारी आवासों को जगमगाया गया। देश के लिए काफी कुछ बलिदान देने वाले देशभक्तों व समाजसेवियों के साथ प्रशासन ने यह लापरवाही क्यों की इसका जबाव फिलहाल किसी के पास नहीं है।