फूटी किस्मत : गंगा की बाढ़ के मारे शहर आये तो चोरो से न बचा सके कीमती सामान

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कायमगंज (फर्रुखाबाद) : कहते हैं खुदा जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है और जब लेता है तो कपड़े भी उतार लेता है। ऐसा ही हाल शायद गंगा के बाढ़ पीड़ितों का है। जो गंगा की भीषण बाढ़ से बचने के लिए अपने पैत्रक घर बार को छोड़कर शहर आये तो अपने कीमती सामान को चोरों से नहीं बचा सके। यह घटना कायमगंज के मोहल्ला कुकीखेल की है जहां पर बाढ़ से बचने के लिए अपने परिवार व कीमती सामान के साथ तम्बाकू गोदाम में रहने वाले खजुरानगला निवासी हरिश्चन्द्र का सब कुछ चोरों ने उड़ा दिया।

खजुरानगला निवासी हरिश्चन्द्र ने बताया कि उसकी गंगा की बाढ़ में पूरी फसलें नष्ट हो चुकी थीं। मात्र घर बचा था उसमें भी जब गंगा की बाढ़ का पानी भर गया तो उसने घर से कहीं अन्यत्र जाने का मन बनाया। जिस पर उसने कायमगंज क्षेत्र के ग्राम कुकीखेल स्थित अपने मित्र की तम्बाकू गोदाम में शरण ले ली।  यह पूरा परिवार पिछली बाढ में भी इस गोदाम में बाढ के समय के बुरे दिनों को काट चुका है। सोमवार की रात जब पूरा परिवार गोदाम के तम्बाकू कूटने वाले चट्टे पर सो रहा था। तभी अज्ञात चोरों ने गोदाम की एक दीवार में सेंध लगायी। लेकिन गोदाम में रखे तम्बाकू के बोरों और बन्डलों से उन्हे गोदाम में घुसने का रास्ता नजर न आया। इसके बाद  उन्होने गोदाम की उसी दीवार में कुछ दूरी पर पुनः सेंध लगाई। इस बार उन्हें सफलता मिली और वे गोदाम के अन्दर प्रवेश कर गये। जहां वे  हरिश्चन्द्र के कीमती कपडे व घरेलू सामान सहित लोहे के बक्से में रखी सात हजार रूपये की नकदी चोरी कर ले गये। सुबह शौच के लिए उठे हरिश्चन्द्र ने जब सामान तथा कपडे आदि गायब देखे तो उसके होश उड़ गये। सूचना पर गोदाम मालिक बुड्डन खां व आस पास के तमाम लोग मौके पर पहुंचे। जहां पहले से ही देखने वालों की काफी भीड जमा थी। चोरी की सूचना कस्वा चौकी को दी गयी। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुयी है।

वहीं हरिश्चन्द्र अपना माथा ठोककर अपनी किस्मत को ही दोषी मानते हुए अपने को कोस रहा है। उसका कहना है कि प्रति वर्ष आने वाली गंगा की बाढ़ में उसका परिवार बिखर जाता है। इसी तरह कहीं सामान तो कहीं वह व कहीं उसके पशु होते हैं। जिससे उसकी जिंदगी अब खाना बदोश हो गयी है।