केन्द्रीय कारागार में जन्माष्ठमी पर बंदियों ने किया झांकी का सजीव चित्रण

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फर्रुखाबादः भगवान कृष्ण का जन्मदिन जहां पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है वहीं जेलों में भी भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को कुछ विशेष ही महत्व दिया जाता है। जिसमें मुख्य रूप से एशिया की सबसे बड़ी जेल केन्द्रीय कारागार में। कई दशकों से बंदियों द्वारा जन्माष्ठमी पर झांकियों का सजीव चित्रण कर वातावरण को कृष्णमय बना दिया।

केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ में शुक्रवार शाम से ही कृष्ण भक्ति की धुन पूरे वातावरण को कृष्णमय कर रही थी। बंदियों ने कई दिन की मेहनत को आज सजीव कर दिया। जेल के अंदर सजायी गयीं झांकियों को देखने वालों ने बंदियों की कलाकारी को देखकर दांतों तले उंगलियां दबा लीं। बंदियों ने माखन खाते हुए कृष्ण, श्रवण कुमार द्वारा कंधे पर अपने मां बाप को ले जाते हुए झांकी, मां दुर्गा, भोलेनाथ, सुदामा, कृष्ण राधा, जेल से कृष्ण को ले जाते वसुदेव आदि विभिन्न प्रकार की झाकियों का सजीव चित्रण किया।

कृष्ण जन्माष्ठमी उत्सव देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ी वहीं जेल अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी झांकियों का जमकर लुत्फ उठाया व एक दूसरे को जन्माष्ठमी की शुभकामनायें दीं। इस दौरान जेल अधीक्षक यादवेन्द्र शुक्ला भी मौजूद रहे।

कान्हां नागिन बनकर डसि गई तेरी बांसुरिया
एक तरफ जहां भव्य झांकी का आयोजन किया गया तो वहीं दूसरी तरफ संगीतप्रेमी बंदियों ने अपनी तरह से कृष्ण के मनमोहक भजन गाकर वातावरण को और भी चार चांद लगा दिये। बंदियों ने कान्हां नागिन बनकर डसि गई तेरी बांसुरिया……, अरे द्धार पालो कन्हैया से कह दो, दर पे सुदामा करीब आ गया है….., खुल गये सारे ताले ओये क्या बात हो गयी, जेल में जन्मे कन्हैया करामात हो गयी आदि गीतों ने दर्शकों को झूमने को मजबूर कर दिया। वहीं हरमोनियम, ढोलक और मजीरे की धुन पर कुछ बंदियों ने महिला वेश में नृत्य भी किया।

जेल अधीक्षक यादवेन्द्र शुक्ला ने बताया कि रात्रि 12 बजे कृष्ण जन्म किया जायेगा। उसके बाद प्रसाद वितरण होगा। झांकी अभी कई दिन तक चलेगी।