फर्रुखाबाद: सरकार द्वारा विकास कार्यों को तेजी के साथ किये जाने के लिए नव निर्वाचित चारों विधान सभा सदस्यों (विधायकों) के खातों में विधायक निधि भेजी जा चुकी है। प्रत्येक के खाते में 41 लाख 66 हजार रुपये प्राप्त हो गये हैं। लेकिन विधायक जी विकास कार्यों की चिंता छोड़ अपनी-अपनी विधायक निधि को दबाये बैठे हैं। वहीं जनपद व शहर में सड़क, पानी, बिजली इत्यादि के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। जबकि परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण रामकृतराम ने बताया कि अभी तक उनको किसी विधायक से विधायक निधि के सापेक्ष एक भी प्रस्ताव नहीं मिला है। जनपद के तीन विधान परिषद सदस्यों ने कुछ प्रस्ताव अवश्य दिये हैं।
जिला ग्राम्य विकास अभिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार विधायकों के खातों में सवा करोड़ रुपये प्रत्येक के अनुसार आ चुके हैं। लेकिन अभी तक किसी ने भी अपनी विधायक निधि को निकाल कर जन हित में खर्च नहीं किया है। वहीं जनपद व शहर की जनता परेशान है। जहां चुनाव के समय प्रत्याशी के तौर पर इन्हीं विधायकों द्वारा सड़क, बिजली, पानी के लिए जनता से विकास के वादे तो किये गये थे, लेकिन अब उन्हें जनता की समस्याओंकी सुध नहीं हैं।
हालात यह हैं कि यहां कई गांव व मोहल्लों में लोगों के निकलने तक को रास्ते नहीं रह गये हैं। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों के पीने के पानी तक की समस्यायें खड़ी हो गयीं हैं। शायद अब तक जनता यही वाट जोह रही है कि उनके क्षेत्र में विधायक जी विकास कार्य करायेंगे लेकिन सब विकास कार्य चौपट पड़े हैं।
जनपद के तीनों विधानपरिषद सदस्यों के खातों में भी 41 लाख 66 हजार रुपये प्रति की दर से विधायक निधि प्राप्त हुई है। इनमें से एमएलसी मनोज अग्रवाल ने दस हैंड पंप, तीन सोलर लाइट, एक पुलिया व दो सीसी मार्गों के प्रस्ताव दिये हैं। इनके अतिरिक्त चार प्रस्ताव अन्य जनपदों के लिये हैं। दूसरे एमएलसी सतीष जाटव ने केवल कुछ स्कूलों को पैसा देने के प्रस्ताव दिये हैं, जो अभी स्वीकृत नहीं हैं। तीसरे एमएलसी अशोक सिद्धार्थ ने दो सीसी मार्गों व दो स्कूलों को पैसा दिये जाने के अतिरिक्त दो प्रस्ताव अन्य जनपदों के लिये भी दिये हैं।
विदित है कि विधायक निधि में स्कूलों व निर्माण संस्थाओं द्वारा सांसदों विधायकों को कमीशन के तौर पर मोटा कमीशन दिये जाने की शिकायतें मिलती रहीं हैं।