फर्रुखाबाद: महंगाई के दौर में बेरोजगारी भत्ते की आस में बैठे बेरोजगारों के लिए अभी इंतजार की घड़ियां बाकी हैं। ताजा सूचना के अनुसार अभ्यर्थियों को सिंबर माह से भत्ता मिलना शुरू होगा व अक्टूबर के पहले सप्ताह में भत्ते की पहली किश्त मिलेगी। वहीं इससे पहले रोजगार कार्यालयों में अभ्यर्थियों की लिस्ट चस्पा की जाएगी।
बेरोजगारी भत्ते के लिए जनपद फर्रुखाबाद व कन्नौज के लगभग एक लाख अभियर्थियों ने आवेदन कर रखा है। इनमें 25 से 45 वर्ष तक के अभ्यर्थी सम्मिलित हैं। जनपद फर्रुखाबाद में माह जून तक 48 हजार 875 बेरोजगारों ने व कन्नौज से 50 हजार 725 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। शासन ने पहले जहां 30 से 40 वर्ष तक अभ्यर्थियों को भत्ता देने की बात कही थी, वहीं अब इसे बढ़ा कर 25 से 40 वर्ष तक के अभ्यर्थियों के लिये कर दिया गया है। आवेदकों की सूची संपूर्ण सूचनायें सहित जनपदों से शासन को भेजी जा चुकी हैं। बजट की उपलब्धता के आधार पर नफा-नुकसान के सारे आंकलन लखनऊ स्तर पर ही किये जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बेरोजगारी भत्ता पाने वाले नौजवानों के लिए काम की तलाश कर ली है। उन्हें फिलहाल जातीय, आर्थिक व सामाजिक जनगणना के सर्वेक्षण काम में लगाने का फैसला किया गया है। इसके अलावा उनसे पल्स पोलिया की खुराक बांटने के लिए घरों को चिह्नित करने जैसे काम भी लिए जा सकते हैं। इसके अलावा उन्हें सरकारी योजनाओं में गड़बड़ियों की शिकायत मिलने पर पात्रों की सूची मिलान करने का काम भी सौंपा जा सकता है।
बेरोजगारी भत्ते के बदले काम लेने का जिम्मा डीएम का होगा। डीएम की अध्यक्षता में बनी निगरानी कमेटी ही अपने जिले में बेरोजगारी भत्ते के पात्र लोगों को उनके लिए काम तलाश कर उनसे काम लेगी। कमेटी में सीडीओ, बैंकों के अधिकारी व अन्य अफसर होंगे। श्रम विभाग के मुताबिक काम लेने का मकसद बेरोजगारों के कौशल में बढ़ोतरी करना है ताकि भविष्य में वह या तो खुद का रोजगार करने लायक हों, या वह सरकारी नौकरी के लिए अपनी योग्यता को बढ़ा सके। मसलन, किसी को अगर टाइपिंग आती है तो उससे टाइपिंग का काम कराया जा सकता है। इससे उसकी योग्यता बढ़ेगी। जो बेरोजगार तय काम नहीं करेंगे उनके बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलेगा।