फर्रुखाबाद: निकाय चुनाव में अधिवक्ता को बेबजह कोतवाली पुलिस द्वारा पाबंद करने व उनको नोटिस देने के मामले में मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी न्यायालय में अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने परिवाद दर्ज कराया था। न्यायालय ने सीओ सिटी, नगर मजिस्ट्रेट, प्रभारी निरीक्षक व उपनिरीक्षक के खिलाफ वाद दर्ज कर 4 अगस्त को न्यायालय में वयान दर्ज कराने के आदेश दिये हैं।
विदित हो कि अधिवक्ता दीपक द्विवेदी पुत्र श्रीकृष्ण द्विवेदी निवासी खतराना को निकाय चुनाव में शांति भंग की आशंका में 18 जून को कोतवाली के उपनिरीक्षक विगन सिंह द्वारा पाबंद किया गया था। जिसको 19 जून को जब अधिवक्ता ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में जाकर देखा तो पाया कि उपनिरीक्षक विगन सिंह ने चुनाव के दौरान शांतिभंग की आशंका व्यक्त करते हुए दो लाख रुपया का मुचलका लिये जाने की व्याख्या भेजी थी। जिसे प्रभारी निरीक्षक विजय बहादुर सिंह एवं क्षेत्राधिकारी नगर विनोद कुमार सिंह ने संस्तुति सहित अग्रसारित किया था। जिस पर नगर मजिस्ट्रेट भगवानदीन वर्मा ने उस आख्या से संतुष्ट होकर नोटिस भी जारी कर दिया।
अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने नगराधिकारी भगवानदीन वर्मा, क्षेत्राधिकारी विनोद कुमार, प्रभारी निरीक्षक विजय बहादुर सिंह, शहर कोतवाली के उपनिरीक्षक विगन सिंह के खिलाफ मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया। जिसमें कहा गया कि अधिवक्ता न तो चुनाव में प्रत्याशी था और न ही उसका कोई परिजन चुनाव लड़ रहा था फिर बेबजह उसे शांतिभंग में पाबंद कर दिया गया। अखबारों में समाचार प्रकाशित होने से अधिवक्ता के व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ने इस सम्बंध में परिवाद दर्ज कर 4 अगस्त को वयान दर्ज करने के निर्देश दिये हैं।